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गौशाला का हाल प्रतीकात्मक
– फोटो : amar ujala
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अलीगढ़ में जट्टारी कस्बा के उसरह बाईपास स्थित श्री श्याम पुरुषोत्तम गोशाला में रह रहे 800 गोवंश बजट के अभाव में चारे-पानी के मोहताज होकर रह गए हैं। गोशाला को वर्ष 2022-23 के लिए 70 लाख रुपये का अनुदान नहीं मिला है।
कस्बा स्थित गोशाला के सचिव शिवदत्त शर्मा ने बताया कि शासन द्वारा पंजीकृत गोशालाओं की पत्रावली गोसेवा आयोग में जा चुकी हैं। इसमें से कुछ गोशालाओं को अनुदान मिल चुका है। कुछ को अनुदान नहीं मिला है। गो सेवा आयोग से संपर्क करने पर पता चला कि अभी बजट नहीं हैं। सचिव ने बताया कि उन्हें बजट के लिए पूरे वर्ष इंतजार करना पड़ता है। वर्ष के आखिर में बजट न होने का हवाला दे दिया जाता है। चारे-पानी और देखभाल के अभाव में गोवंश और गोशाला की हालत बेहद दयनीय हो गई है।
पंजीकृत गोशालाओं के लिए बजट नहीं है, जबकि सरकारी गोशालाओं को हर माह आसानी से भुगतान कर दिया जाता है। सरकार की मदद की घोषणाओं के कारण उन्हें समाज से गोशालाओं के संचालन के लिए दान व आर्थिक सहयोग भी नहीं मिल पाता। बजट के अभाव में गोशाला कर्जे में डूब चुकी है और गोवंश के भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। एक तरफ तो सरकार गोवंश की रक्षा की बात करती है तो दूसरी तरफ पुरानी पंजीकृत गोशालाओं को समय से अनुदान न देकर उन्हें खत्म करने का कार्य कर रही है। सचिव ने मुख्यमंत्री से गोशाला के लिए अनुदान दिलाने की मांग की है।
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