Aligarh News: सर्दियों में कोहरे से बढ़ती हैं सड़क दुर्घटनाएं, क्या करें और क्या न करें

0
43

[ad_1]

कोहरा

कोहरा
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

शीतलहर शुरू हो चुकी है। मंगलवार को सुबह से ही कोहरे की चादर तनी रही। कोहरे से कई वाहन आपस में टकरा गए, जिससे तीन लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। अलीगढ़ प्रशासन ने शीतलहर और बढ़ते कोहरे में यातायात नियमों के पालन की अपील की है।

डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए लोगों से यातायात के नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में कोहरे के प्रकोप के कारण सड़क दुर्घटना होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। अतः सभी लोग सुरक्षित यात्रा के दृष्टिगत यातायात के नियमों का पालन करें।
   
शीतलहर में क्या करें, क्या न करें 

  • शीतलहर में शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए गर्म पानी और दूसरे गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। 
  • कोयले की अंगीठी, हीटर का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें। कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन, वेंटिलेशन बनाये रखें ताकि कमरे में विषाक्त, जहरीला धुआँ इकट्ठा न हो। 
  • शरीर को सूखा रखें, गीले कपड़े तुरन्त बदल लें। 
  • घर में अलाव का सामान न हो, तो अत्यधिक ठंड के दिनों में सामुदायिक केन्द्रों व सार्वजनिक स्थलों पर जाएं, जहां प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबन्ध किया गया हो। 
  • गर्म कपडे जैसे-ऊनी कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर का प्रयोग करें। 
  • अत्यधिक ठण्ड एवं कोहरा पड़ने पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रखें। 
  • शराब एवं मादक पदार्थों का सेवन करने से दूरी बनाएं क्योंकि यह आपके शरीर के अन्दरुनी तापमान को गिरा देते हैं, जो शीतलहर में हानिकारक साबित हो सकते हैं। 
  • अपने आस-पास के अकेले रहने वाले पड़ोसियों की भी जानकारी रखें, खासकर बुजुर्गों की। किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन पर संपर्क करें। 
  • ठंडी हवा के सम्पर्क में आने से बचने के लिए घर के अन्दर रहें और यात्रा कम से कम करें। 
  • लम्बे समय तक ठण्ड के संपर्क में रहने से शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे हाइपोथर्मिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हाइपोथर्मिया के लक्षण जैसे-असामान्य शरीर का तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, विचलन, थकावट, चमकदार लाल त्वचा (शिशुओं में) की स्थिति उत्पन्न होने पर अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। 
  • ठण्ड के दौरान जानवरों के आवास को सुरक्षित स्थानों पर रखें और आवास को चारों तरफ से ढक कर रखें। 
  • शीतलहर के दौरान पशुओं को बांधकर रखें, खुले में कदापि ना छोड़ें।
  • जानवरों को ठंडा चारा व ठंडा पानी देने सर परहेज़ करें।
  • सर्दियों के दौरान रात्रि में जानवरों के नीचे बैठने के स्थान पर कुछ सामग्री जैसे सूखा पुआल लगाएं।
यह भी पढ़ें -  Allahabad High Court : पूर्व एसीएस माध्यमिक के झूठा हलफनामा दायर करने पर हाईकोर्ट नाराज

विस्तार

शीतलहर शुरू हो चुकी है। मंगलवार को सुबह से ही कोहरे की चादर तनी रही। कोहरे से कई वाहन आपस में टकरा गए, जिससे तीन लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। अलीगढ़ प्रशासन ने शीतलहर और बढ़ते कोहरे में यातायात नियमों के पालन की अपील की है।

डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए लोगों से यातायात के नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में कोहरे के प्रकोप के कारण सड़क दुर्घटना होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। अतः सभी लोग सुरक्षित यात्रा के दृष्टिगत यातायात के नियमों का पालन करें।

   

शीतलहर में क्या करें, क्या न करें 

  • शीतलहर में शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए गर्म पानी और दूसरे गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। 
  • कोयले की अंगीठी, हीटर का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें। कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन, वेंटिलेशन बनाये रखें ताकि कमरे में विषाक्त, जहरीला धुआँ इकट्ठा न हो। 
  • शरीर को सूखा रखें, गीले कपड़े तुरन्त बदल लें। 
  • घर में अलाव का सामान न हो, तो अत्यधिक ठंड के दिनों में सामुदायिक केन्द्रों व सार्वजनिक स्थलों पर जाएं, जहां प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबन्ध किया गया हो। 
  • गर्म कपडे जैसे-ऊनी कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर का प्रयोग करें। 
  • अत्यधिक ठण्ड एवं कोहरा पड़ने पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रखें। 
  • शराब एवं मादक पदार्थों का सेवन करने से दूरी बनाएं क्योंकि यह आपके शरीर के अन्दरुनी तापमान को गिरा देते हैं, जो शीतलहर में हानिकारक साबित हो सकते हैं। 
  • अपने आस-पास के अकेले रहने वाले पड़ोसियों की भी जानकारी रखें, खासकर बुजुर्गों की। किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन पर संपर्क करें। 
  • ठंडी हवा के सम्पर्क में आने से बचने के लिए घर के अन्दर रहें और यात्रा कम से कम करें। 
  • लम्बे समय तक ठण्ड के संपर्क में रहने से शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे हाइपोथर्मिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हाइपोथर्मिया के लक्षण जैसे-असामान्य शरीर का तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, विचलन, थकावट, चमकदार लाल त्वचा (शिशुओं में) की स्थिति उत्पन्न होने पर अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। 
  • ठण्ड के दौरान जानवरों के आवास को सुरक्षित स्थानों पर रखें और आवास को चारों तरफ से ढक कर रखें। 
  • शीतलहर के दौरान पशुओं को बांधकर रखें, खुले में कदापि ना छोड़ें।
  • जानवरों को ठंडा चारा व ठंडा पानी देने सर परहेज़ करें।
  • सर्दियों के दौरान रात्रि में जानवरों के नीचे बैठने के स्थान पर कुछ सामग्री जैसे सूखा पुआल लगाएं।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here