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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर (बीएड पद) पर उच्चतर शिक्षा चयन आयोग से चयनितों के कॉलेज आवंटन पर एकल पीठ के रोक के खिलाफ अपील मंजूर कर ली है। कोर्ट ने नए सिरे से विचार कर आदेश देने के लिए एकल पीठ को पत्रावली वापस कर दी है। कोर्ट ने कहा कि एकल पीठ के एक पद खाली रखने के अंतरिम आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने राकेश कुमार यादव की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।
अपीलार्थी का कहना था कि 31 मई 22 के आदेश से असिस्टेंट प्रोफेसर (बीएड) की चयन सूची पर रोक लगा दी गई है और कहा गया है कि प्रदेश में चयनितों को कॉलेज आवंटित न किया जाए। राकेश कुमार यादव का कहना था कि वह याचिका में पक्षकार नहीं था। वह चयनित अभ्यर्थी है। एकल पीठ के आदेश का उस पर प्रभाव पड़ा है। इसलिए उसको आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने की मंजूरी दी जाए।
कोर्ट ने मांग स्वीकार कर ली। उनका यह भी कहना था कि याचिका में चयन सूची को चुनौती नहीं दी गई है। केवल 7 सवालों को लेकर दाखिल आपत्ति तय करने तथा उसे दो अंक देकर चयनित करने का समादेश जारी करने की मांग की गई है। एकल पीठ ने 11 अप्रैल 22 के आदेश में एक पद खाली रखने तथा विशेषज्ञों की सवालों की सत्यता पर राय लेकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने जांच कर अपनी रिपोर्ट दी। आयोग ने भी रिपोर्ट तैयार कराई, दो रिपोर्ट पेश की गईं। रिपोर्ट आने के बाद बिना उस पर विचार किए कॉलेज आवंटन पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा एकलपीठ रिकॉर्ड के अनुसार नए सिरे से विचार कर आदेश पारित करे।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर (बीएड पद) पर उच्चतर शिक्षा चयन आयोग से चयनितों के कॉलेज आवंटन पर एकल पीठ के रोक के खिलाफ अपील मंजूर कर ली है। कोर्ट ने नए सिरे से विचार कर आदेश देने के लिए एकल पीठ को पत्रावली वापस कर दी है। कोर्ट ने कहा कि एकल पीठ के एक पद खाली रखने के अंतरिम आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने राकेश कुमार यादव की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।
अपीलार्थी का कहना था कि 31 मई 22 के आदेश से असिस्टेंट प्रोफेसर (बीएड) की चयन सूची पर रोक लगा दी गई है और कहा गया है कि प्रदेश में चयनितों को कॉलेज आवंटित न किया जाए। राकेश कुमार यादव का कहना था कि वह याचिका में पक्षकार नहीं था। वह चयनित अभ्यर्थी है। एकल पीठ के आदेश का उस पर प्रभाव पड़ा है। इसलिए उसको आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने की मंजूरी दी जाए।
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