Allahabad High Court : घटना से दो साल पहले ही मर चुके चश्मदीद गवाह की तलाश में कोतवाली पुलिस, सुनवाई पर रोक

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आपराधिक घटना से दो साल पहले मौत की आगोश में जा चुके के चश्मदीद गवाह गौरव वैश्य की तलाश कर रही कोतवाली प्रयागराज की पुलिस को उसके मिलने पर बयान अंकित करने का इंतजार है। पुलिस ने मृतक चश्मदीद के पिता विजय वैश्य के घर घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट पेश की है। 

कोर्ट ने विपक्षी शिकायतकर्ता विजय वैश्य को नोटिस जारी किया है और राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है तथा छह मार्च 2021 को धारा 506 व 448 के अंतर्गत दाखिल पुलिस चार्जशीट व आपराधिक केस की सुनवाई प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह ने बहादुर गंज निवासी अमरनाथ वैश्य व दो अन्य की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि याची और विपक्षी के बीच मकान नं 159/101 बहादुरगंज के बंटवारे का 2008 में वाद दायर किया गया। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच 2006 में पारिवारिक समझौता हो चुका था। याची का कहना है कि मकान का आधा हिस्सा उसने बैनामे में ले लिया है और आधा हिस्सा भी समझौते के आधार पर उसे मिला है। विपक्षी का निवास 236/237 लोहिया पांडेय का हाता मुट्ठीगंज में है।

इसके बावजूद वह पुश्तैनी बहादुरगंज स्थित मकान को हथियाना चाहता है और याची को परेशान करने के लिए झूठा केस दर्ज कराया है। याची और उसके दोनों बेटों पर मां को जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाया है। एफआईआर में ही लिखा है कि शोर सुनकर शिकायत कर्ता का बेटा गौरव वैश्य भी पहुंचा। उसके सामने गाली गलौज की घटना हुई।

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याची ने मृत्यु प्रमाणपत्र पेश किया कि गौरव वैश्य की मौत घटना के लगभग दो साल पहले दो फरवरी 2019 को हो चुकी है। घटना 10 नवंबर 20 की बताई गई है। याची का कहना है कि केस फर्जी है, जिसे रद किया जाय। याचिका की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

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आपराधिक घटना से दो साल पहले मौत की आगोश में जा चुके के चश्मदीद गवाह गौरव वैश्य की तलाश कर रही कोतवाली प्रयागराज की पुलिस को उसके मिलने पर बयान अंकित करने का इंतजार है। पुलिस ने मृतक चश्मदीद के पिता विजय वैश्य के घर घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट पेश की है। 

कोर्ट ने विपक्षी शिकायतकर्ता विजय वैश्य को नोटिस जारी किया है और राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है तथा छह मार्च 2021 को धारा 506 व 448 के अंतर्गत दाखिल पुलिस चार्जशीट व आपराधिक केस की सुनवाई प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह ने बहादुर गंज निवासी अमरनाथ वैश्य व दो अन्य की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि याची और विपक्षी के बीच मकान नं 159/101 बहादुरगंज के बंटवारे का 2008 में वाद दायर किया गया। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच 2006 में पारिवारिक समझौता हो चुका था। याची का कहना है कि मकान का आधा हिस्सा उसने बैनामे में ले लिया है और आधा हिस्सा भी समझौते के आधार पर उसे मिला है। विपक्षी का निवास 236/237 लोहिया पांडेय का हाता मुट्ठीगंज में है।

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