Allahabad High Court : पत्नी के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

0
18

[ad_1]

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 23 Feb 2022 10:48 PM IST

सार

याची एक विवाहित महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। महिला ने अक्तूबर 2021 में पति द्वारा उत्पीड़न करने पर घर छोड़ दिया था और याची के साथ रहने लगी थी। इसके बाद पति ने अपनी पत्नी के दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया।

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति द्वारा पत्नी के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ  दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उस व्यक्ति (लिव-इन पार्टनर) और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही महिला के पति को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने मोहित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची एक विवाहित महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। महिला ने अक्तूबर 2021 में पति द्वारा उत्पीड़न करने पर घर छोड़ दिया था और याची के साथ रहने लगी थी। इसके बाद पति ने अपनी पत्नी के दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। इसलिए दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की थी। कोर्ट ने अपने छह दिसंबर 2021 के अपने आदेश के तहत उन्हें सुरक्षा दिए जाने का आदेश पारित किया था।

सुरक्षा प्रदान करते हुए न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की थी कि लिव-इन रिलेशनशिप जीवन का हिस्सा बन गया है। मामले में पति ने याची और उसके पिता, भाई और मां के खिलाफ  अमरौहा जिले के गजरौला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। कोर्ट ने कहा कि याची और उसके परिजनाें को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। बशर्ते कि याची को जांच में सहयोग करे।

यह भी पढ़ें -  Kanpur : चार दिन से लापता महिला का शव यमुना से बरामद, पति पर हत्या का शक

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति द्वारा पत्नी के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ  दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उस व्यक्ति (लिव-इन पार्टनर) और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही महिला के पति को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने मोहित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची एक विवाहित महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। महिला ने अक्तूबर 2021 में पति द्वारा उत्पीड़न करने पर घर छोड़ दिया था और याची के साथ रहने लगी थी। इसके बाद पति ने अपनी पत्नी के दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। इसलिए दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की थी। कोर्ट ने अपने छह दिसंबर 2021 के अपने आदेश के तहत उन्हें सुरक्षा दिए जाने का आदेश पारित किया था।

सुरक्षा प्रदान करते हुए न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की थी कि लिव-इन रिलेशनशिप जीवन का हिस्सा बन गया है। मामले में पति ने याची और उसके पिता, भाई और मां के खिलाफ  अमरौहा जिले के गजरौला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। कोर्ट ने कहा कि याची और उसके परिजनाें को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। बशर्ते कि याची को जांच में सहयोग करे।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here