Allahabad High Court : पीएसी जवानों को सिविल पुलिस से स्थानांतरित करने पर रोक

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज

Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 23 Jun 2022 01:08 AM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची सहित 36 पीएसी हेड कांस्टेबल, कांस्टेबलों के सिविल पुलिस से सशस्त्र बल में तबादला करने के आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई पांच जुलाई को होगी। कोर्ट ने कहा है कि यह अंतरिम आदेश उसी दशा में लागू होगा यदि  याचियों को कार्यमुक्त न कर दिया गया हो। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कमल कुमार त्रिपाठी व 35 अन्य की याचिका पर दिया है।

याचियों का कहना है कि नियम 41 (1) के अंतर्गत उनका तबादला करने का अधिकार पीएसी स्थापना बोर्ड को है। किंतु बिना उनकी सहमति व अधिकार के अपर पुलिस अधीक्षक पीएसी मुख्यालय लखनऊ व पुलिस महानिरीक्षक पीएसी लखनऊ ने तबादला किया है, जो नियमावली के विरुद्ध है। याचियों का कहना है कि उनकी नियुक्ति 2008 नियमावली से की गई थी।

अब 2015 नियमावली लागू की गई हैं। 2008 की नियमावली के नियम 41(1) व 2015 की नियमावली के नियम 25 (1) एक जैसे हैं, कोई अंतर नहीं है। याचियों का प्रदेश के विभिन्न जोन व कमिश्नरी में तबादला किया गया है। कोर्ट ने सरकार को जवाबी हलफनामे में विधिक स्थिति स्पष्ट करने का भी निर्देश दिया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची सहित 36 पीएसी हेड कांस्टेबल, कांस्टेबलों के सिविल पुलिस से सशस्त्र बल में तबादला करने के आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई पांच जुलाई को होगी। कोर्ट ने कहा है कि यह अंतरिम आदेश उसी दशा में लागू होगा यदि  याचियों को कार्यमुक्त न कर दिया गया हो। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कमल कुमार त्रिपाठी व 35 अन्य की याचिका पर दिया है।

याचियों का कहना है कि नियम 41 (1) के अंतर्गत उनका तबादला करने का अधिकार पीएसी स्थापना बोर्ड को है। किंतु बिना उनकी सहमति व अधिकार के अपर पुलिस अधीक्षक पीएसी मुख्यालय लखनऊ व पुलिस महानिरीक्षक पीएसी लखनऊ ने तबादला किया है, जो नियमावली के विरुद्ध है। याचियों का कहना है कि उनकी नियुक्ति 2008 नियमावली से की गई थी।

अब 2015 नियमावली लागू की गई हैं। 2008 की नियमावली के नियम 41(1) व 2015 की नियमावली के नियम 25 (1) एक जैसे हैं, कोई अंतर नहीं है। याचियों का प्रदेश के विभिन्न जोन व कमिश्नरी में तबादला किया गया है। कोर्ट ने सरकार को जवाबी हलफनामे में विधिक स्थिति स्पष्ट करने का भी निर्देश दिया है।

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