Allahabad High Court : सोना तस्करी में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जमानत मंजूर

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोने की तस्करी के आरोप में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन की करोड़ों रुपये की  सशर्त जमानत स्वीकार कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने बुधवार को दिया है। हाई कोर्ट ने कस्टम एक्ट की धारा 135 के तहत लखनऊ के डीआरआई थाने में दर्ज मामले में दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था, जो बुधवार को सुनाया गया।

कानपुर नगर के स्पेशल सीजेएम के यहां दाखिल परिवाद के अनुसार डायरेक्टर जनरल जीएसटी अहमदाबाद की यूनिट ने कन्नौज में जैन स्ट्रीट स्थित पीयूष जैन की इंडस्ट्री में छापा मारकर विदेशी मार्क की 32 सोने की छड़ बरामद की। 24 कैरेट गोल्ड से बनी 23 किग्रा वजनी इन छड़ों की कीमत 196.57 करोड़ आंकी गई। आरोप है कि पीयूष जैन इनकी कोई रसीद नहीं दिखा सके। जांच के बाद स्पेशल सीजेएम कानपुर नगर की अदालत में परिवाद दाखिल किया गया।

जमानत के समर्थन में कहा गया कि याची के विरुद्ध विदेशी सोने की तस्करी में शामिल होने का कोई साक्ष्य नहीं है। बरामदगी का कोई स्थानीय गवाह भी नहीं है और केवल विदेशी मार्क होने से यह नहीं कहा जा सकता है कि सोना तस्करी का है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पासपोर्ट जमा करने, ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बगैर देश न छोड़ने, साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने आदि की शर्तों पर जमानत मंजूर कर ली।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोने की तस्करी के आरोप में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन की करोड़ों रुपये की  सशर्त जमानत स्वीकार कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने बुधवार को दिया है। हाई कोर्ट ने कस्टम एक्ट की धारा 135 के तहत लखनऊ के डीआरआई थाने में दर्ज मामले में दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था, जो बुधवार को सुनाया गया।

कानपुर नगर के स्पेशल सीजेएम के यहां दाखिल परिवाद के अनुसार डायरेक्टर जनरल जीएसटी अहमदाबाद की यूनिट ने कन्नौज में जैन स्ट्रीट स्थित पीयूष जैन की इंडस्ट्री में छापा मारकर विदेशी मार्क की 32 सोने की छड़ बरामद की। 24 कैरेट गोल्ड से बनी 23 किग्रा वजनी इन छड़ों की कीमत 196.57 करोड़ आंकी गई। आरोप है कि पीयूष जैन इनकी कोई रसीद नहीं दिखा सके। जांच के बाद स्पेशल सीजेएम कानपुर नगर की अदालत में परिवाद दाखिल किया गया।

जमानत के समर्थन में कहा गया कि याची के विरुद्ध विदेशी सोने की तस्करी में शामिल होने का कोई साक्ष्य नहीं है। बरामदगी का कोई स्थानीय गवाह भी नहीं है और केवल विदेशी मार्क होने से यह नहीं कहा जा सकता है कि सोना तस्करी का है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पासपोर्ट जमा करने, ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बगैर देश न छोड़ने, साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने आदि की शर्तों पर जमानत मंजूर कर ली।

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