Allahabad High Court : हाईकोर्ट ने आजम खान के मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार को दी राहत

0
17

[ad_1]

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 09 Mar 2022 08:34 PM IST

सार

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कानून का उल्लंघन करके जबरन बैनामा कराने के आरोप में चल रहे 27 आपराधिक केसों व चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि अजीमनगर थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन बैनामों से याची का कोई सरोकार नहीं है।

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम व निफत अफलाख के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखते हुए राहत है। मामले में राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया।

कोर्ट ने याची को इसका तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई चार अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने अदीब आजम की याचिका पर दिया है।

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कानून का उल्लंघन करके जबरन बैनामा कराने के आरोप में चल रहे 27 आपराधिक केसों व चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि अजीमनगर थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन बैनामों से याची का कोई सरोकार नहीं है।

ट्रस्ट का रजिस्ट्रार होने के कारण उसे फंसाया गया है। निचली अदालत ने पुलिस चार्जशीट पर बिना विवेक का इस्तेमाल किए संज्ञान लिया है। मुख्य आरोप आजम खां व आले हसन पर लगाया गया है। याची का नाम एफ आई आर में नहीं है।

यह भी पढ़ें -  हरपाल सैनी ने भी समाजवादी पार्टी को कहा अलविदा, कहा, मुलायम-शिवपाल की हैसियत नहीं तो मुझे कौन पूछेगा

उसने न कोई बैनामा कराया और न ही किसी को धमकी दी है। सरकार का कहना है कि ट्रस्ट के नाम जमीन का बैनामा कराया गया है। याची रजिस्ट्रार है उसकी कोई भूमिका नहीं है।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम व निफत अफलाख के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखते हुए राहत है। मामले में राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया।

कोर्ट ने याची को इसका तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई चार अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने अदीब आजम की याचिका पर दिया है।

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कानून का उल्लंघन करके जबरन बैनामा कराने के आरोप में चल रहे 27 आपराधिक केसों व चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि अजीमनगर थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन बैनामों से याची का कोई सरोकार नहीं है।

ट्रस्ट का रजिस्ट्रार होने के कारण उसे फंसाया गया है। निचली अदालत ने पुलिस चार्जशीट पर बिना विवेक का इस्तेमाल किए संज्ञान लिया है। मुख्य आरोप आजम खां व आले हसन पर लगाया गया है। याची का नाम एफ आई आर में नहीं है।

उसने न कोई बैनामा कराया और न ही किसी को धमकी दी है। सरकार का कहना है कि ट्रस्ट के नाम जमीन का बैनामा कराया गया है। याची रजिस्ट्रार है उसकी कोई भूमिका नहीं है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here