Allahabad High Court : हाईकोर्ट में मुकद्दमों की लिस्टिंग में मनमानी की जांच का निर्देश

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sun, 24 Apr 2022 12:54 AM IST

सार

पांच जनवरी 2022 को कोर्ट ने केस 25 जनवरी को लिस्ट करने का आदेश दिया था। मगर, कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई और केस लिस्ट नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि ऐसा पहले भी देखा गया है कि आदेश के बावजूद केस लिस्ट नहीं किया गया।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद केस लिस्ट न करने और बिना किसी आदेश या अर्जी के केस कोर्ट में पेश करने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने महानिबंधक को एनआईसी (नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर) इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं संबंधित अनुभाग की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई छह मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने उदयभान यादव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

पांच जनवरी 2022 को कोर्ट ने केस 25 जनवरी को लिस्ट करने का आदेश दिया था। मगर, कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई और केस लिस्ट नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि ऐसा पहले भी देखा गया है कि आदेश के बावजूद केस लिस्ट नहीं किया गया।

कोर्ट ने कहा कि कई ऐसे मामले हैं, जिनमें बिना कोर्ट के आदेश के केस लिस्ट किया गया है। मगर, पत्रावली पर न तो लिस्ट करने का कोई आदेश है और न ही किसी अर्जी पर कोई आदेश है। फिर भी केस लिस्ट किया गया है। कोर्ट ने महानिबंधक से यह भी पूछा है कि केस लिस्ट करने का क्या सिस्टम या चलन है।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद केस लिस्ट न करने और बिना किसी आदेश या अर्जी के केस कोर्ट में पेश करने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने महानिबंधक को एनआईसी (नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर) इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं संबंधित अनुभाग की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई छह मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने उदयभान यादव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

पांच जनवरी 2022 को कोर्ट ने केस 25 जनवरी को लिस्ट करने का आदेश दिया था। मगर, कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई और केस लिस्ट नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि ऐसा पहले भी देखा गया है कि आदेश के बावजूद केस लिस्ट नहीं किया गया।

कोर्ट ने कहा कि कई ऐसे मामले हैं, जिनमें बिना कोर्ट के आदेश के केस लिस्ट किया गया है। मगर, पत्रावली पर न तो लिस्ट करने का कोई आदेश है और न ही किसी अर्जी पर कोई आदेश है। फिर भी केस लिस्ट किया गया है। कोर्ट ने महानिबंधक से यह भी पूछा है कि केस लिस्ट करने का क्या सिस्टम या चलन है।

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