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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 23 Jun 2022 10:25 PM IST
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं करने पर दूसरी याचिका अवमानना याचिका का विकल्प नहीं हो सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने रामपुर के अली अहमद की जनहित याचिका पर दिया है।
जनहित याचिका पर कोर्ट ने निश्चित समय में प्रत्यावेदन निर्णीत करने का निर्देश दिया था, जिसका पालन नहीं किया गया। उसने आदेश अनुपालन के लिए अवमानना याचिका की बजाय दोबारा याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने कहा कि जंगल में अतिक्रमण कर अवैध रूप से पेड़ काटने पर रोक लगाने व कार्रवाई करने का समादेश जारी करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है, किंतु कौन पेड़ काट रहा है, इसका विस्तृत ब्योरा नहीं दिया गया है।
सुसंगत तथ्यों के न होने के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और याचिका को भ्रामक मानते हुए खारिज कर दिया। याची की ओर से कहा गया था कि अज्ञात लोगों ने वन भूमि का अतिक्रमण कर लिया है और पेड़ों को काटा जा रहा है। जिला प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
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