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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 25 May 2022 12:50 PM IST
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के जिला एवं सत्र न्यायालयों को आपराधिक मामलों में गवाहों की गवाही व प्रति परीक्षा यथासंभव एक ही दिन पूरी कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सभी ट्रायल कोर्ट को भी निर्देश दिया है कि पहले चश्मदीद गवाहों की गवाही व प्रति परीक्षा कराएं, उसके बाद सरकारी गवाहों (पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों, विवेचना अधिकारी आदि) की गवाही कराई जाए।
कोर्ट ने कहा कि आपराधिक मामले का सही व निष्पक्ष ट्रायल कराने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है क्योंकि बार-बार गवाही के लिए आने के कारण गवाह पक्षद्रोही हो जाते हैं। मामले में न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा के खिलाफ दाखिल रामचंद्र की अपील पर सुनवाई कर रही है। मामले में 1998 में सत्र न्यायालय से मिली सजा को चुनौती दी गई है। अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश शाहजहांपुर ने अपीलार्थी को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई थी। परिवारों में दीवानी मुकदमे को लेकर तनाव था, जिस पर हत्या करने का आरोप है।
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