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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के संस्कृत विभाग में वैदिक अध्ययन केंद्र खोला जाएगा और इस केंद्र के तहत तीन नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। जिनमें वेदों के साथ कर्मकांड, ज्योतिष और वास्तुशास्त्र भी पढ़ाया जाएगा। इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है और जल्द ही मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव कुलपति के पास भेज दिया जाएगा। अगले सत्र 2023-24 से इसे लागू करने की तैयारी है।
वैदिक अध्ययन केंद्र (सेंटर फॉर वैदिक स्टडीज) शुरू करने के लिए विभागाध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसका कोऑर्डिनेटर प्रो. प्रयाग नारायण मिश्र को बनाया गया है। कमेटी ने वैदिक अध्ययन केंद्र खोलने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस केंद्र के तहत शुरुआत में डिप्लोमा के दो और डिग्री का एक पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की योजना है। इनमें ‘डिप्लोमा इन कर्मकांड’, ‘डिप्लोमा इन वैदिक स्टडीज’ और ‘एमए इन वैदिक स्टडीज’ शामिल हैं।
डिप्लोमा और डिग्री के पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए संस्कृत विषय से स्नातक अनिवार्य होगा। डिप्लोमा के पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष और पीजी की अवधि दो वर्ष की होगी। वैदिक स्टडीज को चार भागों में विभक्त किया जाएगा, जिनमें वेद, ब्राह्मण साहित्य, उपनिषद एवं आरण्यक की पढ़ाई होगी।
साथ ही कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र की पढ़ाई भी होगी। छात्र-छात्राओं को भारतीय संस्कृति की परंपरा से अवगत कराया जाएगा। प्रात: उठने से लेकर शाम तक कैसे रहना है और क्या करना है, यह भी पढ़ाया जाएगा। संस्कृत के विभागाध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे ने बताया कि प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और मंजूरी के लिए जल्द ही कुलपति के पास भेज दिया जाएगा। कुलपति की मुहर लगने के बाद इसे अगले सत्र से लागू करने की योजना है।
युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के रास्ते
कर्मकांड में डिप्लोमा और डिग्री हासिल करने वाले युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। विभागाध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे का कहना है कि सेना में भर्ती के लिए कर्मकांड में डिप्लोमा और डिग्री मांगी जाती है। नए पाठ्यक्रम शुरू होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के संस्कृत विभाग में वैदिक अध्ययन केंद्र खोला जाएगा और इस केंद्र के तहत तीन नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। जिनमें वेदों के साथ कर्मकांड, ज्योतिष और वास्तुशास्त्र भी पढ़ाया जाएगा। इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है और जल्द ही मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव कुलपति के पास भेज दिया जाएगा। अगले सत्र 2023-24 से इसे लागू करने की तैयारी है।
वैदिक अध्ययन केंद्र (सेंटर फॉर वैदिक स्टडीज) शुरू करने के लिए विभागाध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसका कोऑर्डिनेटर प्रो. प्रयाग नारायण मिश्र को बनाया गया है। कमेटी ने वैदिक अध्ययन केंद्र खोलने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस केंद्र के तहत शुरुआत में डिप्लोमा के दो और डिग्री का एक पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की योजना है। इनमें ‘डिप्लोमा इन कर्मकांड’, ‘डिप्लोमा इन वैदिक स्टडीज’ और ‘एमए इन वैदिक स्टडीज’ शामिल हैं।
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