Ambedkar Nagar: जल्द दूर होंगी मुश्किलें, 44 करोड़ रुपये से सुधरेगा अकबरपुर-जौनपुर मार्ग, सांसद ने निकाली थी बाइक रैली

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अकबरपुर-जौनपुर मुख्य मार्ग पर जाफरगंज के पास जर्जर सड़क पर भरा पानी।

अकबरपुर-जौनपुर मुख्य मार्ग पर जाफरगंज के पास जर्जर सड़क पर भरा पानी।
– फोटो : amar ujala

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अंबेडकरनगर के जनपदवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हद दर्जे तक खराब हो चुके अकबरपुर-जौनपुर मार्ग का निर्माण 44 करोड़ की लागत से होगा। 10 अक्तूबर को टेंडर खोले जाने के साथ ही 75 किलोमीटर लंबी सड़क की विधिवत मरम्मत का काम दो फर्मों को आवंटित कर दिया जाएगा। इन फर्मों को अधिकतम छह माह में सड़क की बेहतर ढंग से मरम्मत करनी है। नेशनल हाईवे अधिकारियों के अनुसार अक्तूबर के अंतिम सप्ताह तक काम शुरू करा दिया जाएगा।

अकबरपुर नगर से होकर मालीपुर होते हुए जौनपुर तक जाने वाला मार्ग लगभग दो वर्ष से हद दर्जे तक क्षतिग्रस्त हो गया है। हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि इन पर वाहनों का सुचारु ढंग से चलना संभव नहीं रह गया है। पहले यह सड़क लोक निर्माण विभाग के अधीन थी लेकिन दो वर्ष पहले इसको नेशनल हाईवे का दर्जा दे दिया गया। इसके बाद सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे के वाराणसी स्थित डिवीजन के जिम्मे हो गई। नतीजा यह हुुआ कि लोक निर्माण विभाग ने इस सड़क की तरफ से ध्यान हटा लिया।

इसके बाद से ही सड़क के जहां-तहां टूटने का सिलसिला शुरू हो गया। मरम्मत न होने के चलते जगह-जगह गड्ढे होने लगे। हालात इस कदर बिगड़ गए कि अकबरपुर नगर के आगे जिला जेल से लेकर खजुरी बाजार तक लगभग 12 किलोमीटर की दूरी में सड़क का अस्तित्व ही जैसे समाप्त हो गया। इसके चलते ज्यादातर कार व जीप चालक जहां दूसरे मार्गों से आने लगे वहीं बाइक चालकों ने भी इस मार्ग से कन्नी काटना शुरू कर दिया। लगभग दो वर्ष से हालात अत्यंत बदतर होते जा रहे थे। नागरिकों ने कई बार आक्रोश का इजहार भी किया।

इन सबके बीच नेशनल हाईवे अथारिटी ने अब अकबरपुर से जौनपुर तक के लगभग 75 किलोमीटर लंबे मार्ग की विधिवत मरम्मत कराने का फैसला किया है। 44 करोड़ का खर्च इसके लिए स्वीकृत कर दिया गया है। दो अलग-अलग फर्मों द्वारा यह काम कराया जाएगा। एक फर्म सिर्फ अंबेडकरनगर के हिस्से में बदहाल मार्ग का निर्माण कराएगी तो दूसरी फर्म जौनपुर जनपद के हिस्से में आने वाले मार्ग की मरम्मत करेगी। नेशनल हाईवे के अधिकारियों के अनुसार 10 अक्तूबर को टेंडर खोला जाएगा। इसमें यह तय हो जाएगा कि कौन-कौन सी फर्म काम कराएंगी।

सांसद रितेश पांडेय ने इस मार्ग की बदहाली दूर कराने के लिए स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर मालीपुर से अकबरपुर तक बाइक रैली भी निकाली थी। इसके बाद कलेक्ट्रेट के निकट नुक्कड़ सभा कर अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया था। इसमें कई ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों व गणमान्य नागरिकों की भागीदारी तय हुई थी। सांसद ने लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाने के साथ ही दो बार केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर उन्हें पत्र सौंपा था। उधर एमएलसी व पूर्व सांसद हरिओम पांडेय ने भी अकबरपुर-मालीपुर मार्ग ते निर्माण के लिए पत्राचार किए थे।

अकबरपुर से मालीपुर तक का मुख्य मार्ग हद दर्जे तक खराब हो जाने से संबंधित इलाकों में व्यापार पर भी असर पड़ रहा है। वाहन संबंधित क्षेत्रों तक आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं। गोदाम तक सामान पहुंचाना कठिन रहता है। कई दुकानदार ऐसे हैं जो बाइक से चक्कर लगाकर दुकान तक सामान पहुंचाते हैं। इसमें अनावश्यक खर्च के साथ ही समय की बर्बादी भी होती है। इसके अलावा जाफरगंज, खजुरी, मालीपुर व धौरूआ आदि क्षेत्रों में स्थित बैंक, स्कूल, डाकघर समेत अन्य कार्यालयों व संस्थानों में प्रतिदिन आवागमन करने वाले नागरिकों को भी तमाम तरह की दिक्कतें होती हैं।

नेशनल हाईवे डिवीजन वाराणसी के अधिशाषी अभियंता मृत्युंजय यादव का कहना है कि अकबरपुर से जौनपुर तक लगभग 75 किलोमीटर लंबे मार्ग की विधिवत मरम्मत अक्तूबर के अंत तक शुरू करा दी जाएगी। जो संस्थाएं निर्माण कराएंगी, उन्हें तीन वर्ष तक इसकी नियमित देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जा रही है। इसलिए निर्माण गुणवत्तापूर्ण ढंग से होगा।

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अंबेडकरनगर के जनपदवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हद दर्जे तक खराब हो चुके अकबरपुर-जौनपुर मार्ग का निर्माण 44 करोड़ की लागत से होगा। 10 अक्तूबर को टेंडर खोले जाने के साथ ही 75 किलोमीटर लंबी सड़क की विधिवत मरम्मत का काम दो फर्मों को आवंटित कर दिया जाएगा। इन फर्मों को अधिकतम छह माह में सड़क की बेहतर ढंग से मरम्मत करनी है। नेशनल हाईवे अधिकारियों के अनुसार अक्तूबर के अंतिम सप्ताह तक काम शुरू करा दिया जाएगा।

अकबरपुर नगर से होकर मालीपुर होते हुए जौनपुर तक जाने वाला मार्ग लगभग दो वर्ष से हद दर्जे तक क्षतिग्रस्त हो गया है। हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि इन पर वाहनों का सुचारु ढंग से चलना संभव नहीं रह गया है। पहले यह सड़क लोक निर्माण विभाग के अधीन थी लेकिन दो वर्ष पहले इसको नेशनल हाईवे का दर्जा दे दिया गया। इसके बाद सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे के वाराणसी स्थित डिवीजन के जिम्मे हो गई। नतीजा यह हुुआ कि लोक निर्माण विभाग ने इस सड़क की तरफ से ध्यान हटा लिया।

इसके बाद से ही सड़क के जहां-तहां टूटने का सिलसिला शुरू हो गया। मरम्मत न होने के चलते जगह-जगह गड्ढे होने लगे। हालात इस कदर बिगड़ गए कि अकबरपुर नगर के आगे जिला जेल से लेकर खजुरी बाजार तक लगभग 12 किलोमीटर की दूरी में सड़क का अस्तित्व ही जैसे समाप्त हो गया। इसके चलते ज्यादातर कार व जीप चालक जहां दूसरे मार्गों से आने लगे वहीं बाइक चालकों ने भी इस मार्ग से कन्नी काटना शुरू कर दिया। लगभग दो वर्ष से हालात अत्यंत बदतर होते जा रहे थे। नागरिकों ने कई बार आक्रोश का इजहार भी किया।

इन सबके बीच नेशनल हाईवे अथारिटी ने अब अकबरपुर से जौनपुर तक के लगभग 75 किलोमीटर लंबे मार्ग की विधिवत मरम्मत कराने का फैसला किया है। 44 करोड़ का खर्च इसके लिए स्वीकृत कर दिया गया है। दो अलग-अलग फर्मों द्वारा यह काम कराया जाएगा। एक फर्म सिर्फ अंबेडकरनगर के हिस्से में बदहाल मार्ग का निर्माण कराएगी तो दूसरी फर्म जौनपुर जनपद के हिस्से में आने वाले मार्ग की मरम्मत करेगी। नेशनल हाईवे के अधिकारियों के अनुसार 10 अक्तूबर को टेंडर खोला जाएगा। इसमें यह तय हो जाएगा कि कौन-कौन सी फर्म काम कराएंगी।

सांसद रितेश पांडेय ने इस मार्ग की बदहाली दूर कराने के लिए स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर मालीपुर से अकबरपुर तक बाइक रैली भी निकाली थी। इसके बाद कलेक्ट्रेट के निकट नुक्कड़ सभा कर अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया था। इसमें कई ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों व गणमान्य नागरिकों की भागीदारी तय हुई थी। सांसद ने लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाने के साथ ही दो बार केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर उन्हें पत्र सौंपा था। उधर एमएलसी व पूर्व सांसद हरिओम पांडेय ने भी अकबरपुर-मालीपुर मार्ग ते निर्माण के लिए पत्राचार किए थे।

अकबरपुर से मालीपुर तक का मुख्य मार्ग हद दर्जे तक खराब हो जाने से संबंधित इलाकों में व्यापार पर भी असर पड़ रहा है। वाहन संबंधित क्षेत्रों तक आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं। गोदाम तक सामान पहुंचाना कठिन रहता है। कई दुकानदार ऐसे हैं जो बाइक से चक्कर लगाकर दुकान तक सामान पहुंचाते हैं। इसमें अनावश्यक खर्च के साथ ही समय की बर्बादी भी होती है। इसके अलावा जाफरगंज, खजुरी, मालीपुर व धौरूआ आदि क्षेत्रों में स्थित बैंक, स्कूल, डाकघर समेत अन्य कार्यालयों व संस्थानों में प्रतिदिन आवागमन करने वाले नागरिकों को भी तमाम तरह की दिक्कतें होती हैं।

नेशनल हाईवे डिवीजन वाराणसी के अधिशाषी अभियंता मृत्युंजय यादव का कहना है कि अकबरपुर से जौनपुर तक लगभग 75 किलोमीटर लंबे मार्ग की विधिवत मरम्मत अक्तूबर के अंत तक शुरू करा दी जाएगी। जो संस्थाएं निर्माण कराएंगी, उन्हें तीन वर्ष तक इसकी नियमित देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जा रही है। इसलिए निर्माण गुणवत्तापूर्ण ढंग से होगा।



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