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एएमयू
– फोटो : फाइल फोटो
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शिक्षा मंत्रालय के बैनरतले नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2023 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) 9वें स्थान पर भले ही काबिज हो गया, लेकिन विधि और मेडिकल की रैंकिंग में गिरावट आई है। मेडिकल का क्षेत्र जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और कुलपति रहे प्रो. तारिक मंसूर का रहा, जबकि विधि विभाग में उनके बेटे डॉ. मोहम्मद नासिर एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
2023 में विधि की 14 व मेडिकल की 28वीं रैंक आई है। वर्ष 2022 में विधि की 12 और मेडिकल की 22 रैंक थी। अगर इन दोनों विभाग को छोड़ दें, तो अनुसंधान, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, डेंटल और मैनेजमेंट श्रेणी/अनुशासन में एएमयू का बेहतर प्रदर्शन रहा। इसमें प्रो. तारिक मंसूर का कुशल नेतृत्व नजर आया, लेकिन लोगों की हैरानी मेडिकल की रैंकिंग की गिरावट में है, क्योंकि वह लंबे समय तक प्राचार्य रहे। इसके बाद कुलपति भी रहे।
एएमयू परिसर में ही 29 अक्तूबर 1920 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी वजूद में आई थी, जो रैंकिंग में साल-दर-साल आगे बढ़ती गई, लेकिन जिसके पास एएमयू से कम संसाधन है। मगर एएमयू के पास संसाधन होने के बाद भी 9-11 रैंक के इर्द-गिर्द घूमता रहा। एएमयू के जानकारों का कहना है कि आखिर जामिया का प्रदर्शन क्यों बेहतर है, उसका विश्लेषण एएमयू प्रशासन को जरूर करना चाहिए। जामिया ने 83 से तीन रैंक पर पहुंच गया, लेकिन एएमयू 10 से 9 पर पहुंच पाया।
साल-दर-साल की एएमयू का प्रदर्शन
वर्ष रैंकिंग
2023 9
2022 11
2021 10
2020 17
2019 11
2018 10
2017 11
2016 10
साल-दर-साल का जामिया का प्रदर्शन
वर्ष रैंकिंग
2023 3
2022 3
2021 6
2020 10
2019 12
2018 12
2017 12
2016 83
मेडिकल की कम रैंकिंग का जहां तक ताल्लुक है, तो उसमें पेटेंट और इनोवेशन के अंक शामिल न किया जाना हो सकता है। विधि का प्रदर्शन संतोषजनक है। कुल मिलाकर एएमयू का प्रदर्शन उत्कृष्ट है। -उमर पीरजादा, पीआरओ, एएमयू
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