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लकड़ी का जहाज और गौतम बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा
– फोटो : अमर उजाला
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मूसा डाकरी संग्रहालय में गौतम बुद्ध की करीब दो हजार साल पुरानी दुर्लभ प्रतिमा और लकड़ी से बना जहाज आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। संग्रहालय की दुर्लभ चीजें देखकर हर किसी की नजर नहीं हटती। संग्रहालय में शिलालेख, स्तूप, खुदाई में मिले सदियों पुराने बर्तन, खिलौने भी अपना महत्व बयां कर रहे हैं।
संग्रहालय में यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान द्वारा ऐतिहासिक चीजों का अद्वितीय संग्रह किया गया था। संग्रहालय में 1-2वीं सदी की गौतम बुद्ध की बैठने की मुद्रा की दुर्लभ प्रतिमा रखी है, जो खंडित है। 11-12वीं सदी का सूर्य, आदमकद बुद्ध प्रतिमा, हाथी और लक्ष्मी की 9-10वीं सदी की खंडित प्रतिमा, 9-10वीं सदी की खंडित प्रतिमा आदि है। लकड़ी से बने पानी के जहाज को तत्कालीन पीवीसी बिग्रेडियर सैयद अहमद अली ने भेंट किया था। इसके अलावा वन्य जीवों के रहन-सहन को भी दिखाया गया है।
मूसा डाकरी संग्रहालय में सर सैयद अहमद खान द्वारा संग्रह शानदार है। इसके अलावा एटा जिले के जखेड़ा, अतरंजी खेड़ा में एएमयू के पुरातत्व विभाग ने खुदाई कराई थी, जहां मिट्टी के दुर्लभ बर्तन, खिलौने आदि मिले थे। उसे इसी संग्रहालय में संरक्षित किया गया है। -डॉ. सैयद बशीर हसन, प्रोफेसर इतिहास विभाग एएमयू।
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