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मृतक अनिल दुजाना कुख्यात
– फोटो : अमर उजाला
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मेरठ में मारे गए कुख्यात अनिल दुजाना का अलीगढ़ तक दखल रहा। अनिल दुजाना का दायां हाथ कहा जाने वाला व नरेंद्र भाटी का भांजा अमित कसाना डेढ़ वर्ष तक अलीगढ़ जेल में ही रहा। इस दौरान खैर में एक युवक की हत्या कर शव कार सहित जलाने में कसाना का नाम आया था। इसके अलावा, गभाना में एक पूर्व फौजी की हत्या की सुपारी लेकर उसे मारने आए तीन शूटर पकड़े गए थे, जो अनिल दुजाना गैंग के थे।
मेरठ में यूपी एसटीएफ ने अनिल दुजाना को बृहस्पतिवार दोपहर मार गिराया है। सोशल मीडिया पर यह खबर प्रसारित होते ही जिले में अनिल दुजाना गैंग से जुड़े किस्सों की चर्चा शुरू हो गई। हालांकि, सीधे तौर पर अनिल के खिलाफ कभी कोई अपराध अलीगढ़ जिले में दर्ज नहीं हुआ, मगर उसके गैंग के सदस्यों का नाम यहां से जुड़ा रहा है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार, जुलाई 2015 में यूपी एसटीएफ ने दुजाना के तीन शूटर गभाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए थे।
पकड़े गए विशाल उर्फ शैलू निवासी बिलसूरी, थाना सिकंदराबाद, बुलंदशहर, नागेश जाट उर्फ बिल्लौरी निवासी नीमका थाना जेवर, गौतमबुद्धनगर, विनोद उर्फ मुखिया निवासी परीक्षतगढ़ जिला मेरठ ने स्वीकारा था कि उन्होंने पश्चिमी यूपी में पांच बड़ी हत्याओं की सुपारी ले रखी है। उन्होंने बताया था कि इन पांचों में एक गभाना क्षेत्र के पूर्व फौजी महेंद्र सिंह को भी मारना था। मगर वे इस हमले में बाल-बाल बच गए।
उस समय गभाना पुलिस ने सोचा तक नहीं था कि किसी ऐसे गैंग ने महेंद्र फौजी पर हमला किया है। मगर एसटीएफ के एसएसपी ने पूछताछ के आधार पर बयान जारी किया था, सुपारी लेकर उन्हें दुजाना ने ही भेजा था। इन शूटरों ने तीन दिन तक रेकी की और अलीगढ़ से ही यामाहा बाइक चोरी की। यह हत्या रंजिशन दी गई सुपारी में होनी थी। इससे पहले करीब डेढ़ वर्ष तक सुंदर भाटी पर हमला करने वाला अमित कसाना अलीगढ़ जेल रहा था। चूंकि, अमित कसाना भी अनिल दुजाना का दायां हाथ कहा जाता है। उसके यहां जेल में रहने के दौरान खैर में एक युवक की हत्या हुई और उसका शव कार सहित जलाया गया था। उस वारदात को कराने में अमित कसाना का नाम आया था।
जेल में राजनीतिक हत्या की साजिश की थी जानकारी
अनिल दुजाना के शूटरों के अलीगढ़ जेल में रहने के दौरान स्थानीय एसओजी व सर्विलांस टीम को जिले में एक राजनीतिक हत्या के लिए सुपारी लेने की जानकारी मिली थी। जिन लोगों की सुपारी देने की बात सामने आई थी। उन्हें सतर्क किया गया था और बाद में जिला पुलिस ने इन तीनों को यहां से दूसरी जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
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