Azam Khan: तो सीएम योगी से इस बारे में बात करेंगे आजम खां!, पढ़ें- सधी जुबान से दिए गए सपा नेता के बड़े बयान

0
20

[ad_1]

सार

रामपुर पहुंचने पर आजम खां ने कहा कि हमारे, हमारे परिवार के साथ जो हुआ उसे भूल नहीं सकते। मैं मोबाइल चलाना भूल गया हूं। हमारे शहर को उजाड़ दिया गया। मेरा 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा। मेरा वक्त फिर लौटकर आएगा। जेल में किस तरह उन्होंने समय बिताया इस बारे में भी लोगों को बताया।

ख़बर सुनें

दो साल दो माह 24 दिन बाद जेल से रिहा होकर सपा नेता आजम खां घर पहुंचे। इससे पहले उन्होंने लोगों को संबोधित किया। घर पर प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने अपने मन की बात कही। जिसमें उन्होंने दिल के दर्द(जेल में बिताए गएदो साल दो माह 24 दिन), अपनों की बेरुखी और सरकार का उनके प्रति रुख, के बारे में खुलकर बात की। 

आजम खां ने कहा कि जो कुछ भी हमारे साथ जेल में हुआ है वो हमारे चेहरे से नजर आ रहा होगा। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को लेकर उन्होंने कहा कि हमसे इतनी नफरत क्यों है, मैं ये समझ नहीं पा रहा हूं। इसके बाद विधानसभा में मुलाकात को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कभी मुलाकात होने पर यह जानने की कोशिश जरूर करूंगा कि मुझे नफरत का कारण क्या है।

आजम ने कहा कि जेल में मुझे सजायाफ्ता कैदी की तरह जेल में रखा गया। रात होती थी तो सुबह और सुबह होती थी तो रात का इंतजार करते थे। इस दौरान उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया पर कहा कि सबसे ज्यादा जुल्म तो मेरे अपनों ने किए हैं। आजम का ये बयान सीधे तौर पर सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। 

अखिलेश का नाम लिए बिना कसा तंज

जेल में मुलाकात करने वालों को लेकर उन्होंने कहा कि जो जेल में मिलने आए, उनका शुक्रिया। उनका भी शुक्रिया जो मुलाकात करने नहीं आए। आजम खां हर मुद्दे पर खुलकर बोले लेकिन सवाल जब अखिलेश यादव को लेकर किए गए तो वह टालते ही नजर आए।

मैं मुल्क जमीन और जमीर बेचने वाला नहीं हूं

जमानत को लेकर आजम खां ने कहा कि जज साहब ने कहा है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ साक्ष्य नहीं हैं उसे जेल में क्यों बंद कर रखा है। इसके बाद चुनाव को लेकर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। कहा कि मैं मुल्क जमीन और जमीर बेचने वाला नहीं हूं।

40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया

घर पहुंचकर आजम खां ने प्रेसवार्ता में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा। इसके बाद उन्होंने बताया कि मेरी तबियत खराब है। तकलीफ भी बहुत है। हमारा मिशन कभी राजनीतिक नहीं रहा। 40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया। हमने अपना शहर कैसे बसाया था, देख सकते हैं।

बुनियादी मकसद लोगों की सेवा करना था

हमारा बुनियादी मकसद था लोगों की सेवा करना। सबसे पहले मुझ पर आठ केस दर्ज किए गए। सभी मामलों में वादी पक्ष ने केस वापस ले लिए। हमने जो जमीन ली उसके पैसे दिए। मैंने कभी किसी की जमीन नहीं हड़पी। 

यह भी पढ़ें -  UP News: तिहाड़ जेल से राठी बोल रहा हूं, 15 लाख दो वरना बुधवार नहीं देख पाओगे, धमकी से सहमा व्यापारी

 
बाबरी और ज्ञानवापी की सुनवाई में अंतर

ज्ञानवापी मामले पर सवाल के जवाब में खां ने कहा कि बाबरी और ज्ञानवापी की सुनवाई में काफी अंतर है। बाबरी पर सालों बाद फैसला आया था। ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट ने चंद दिनों में आदेश दिए हैं।

आपके सामने जिंदा खड़े हैं ये किसी आश्चर्य से कम नहीं
कहा कि इस दरख्त की जड़ में जहर डालने वाले लोग अपने हैं। हम आपके सामने जिंदा खड़े हैं ये किसी आश्चर्य से कम नहीं है। हमें जहां रखा गया था उस कोठरी में अंग्रेजों के जमाने में उन लोगों को रखा जाता था जिन्हें दो-तीन दिन बाद फांसी होनी होती थी। हमारी कोठरी के पास ही फांसीघर था। हमारे बच्चे और पत्नी के आ जाने के बाद हम अकेले रह गए थे, बस दीवार और छत थी। रात होती थी तो सुबह का तसव्वुर रहता था और सुबह को शाम का तसव्वुर होता था। 

इंसाफ करने वालों का शुक्रिया
इस तरह आपसे जुदा होकर समय गुजारा है। हमारे रिश्तों में तसव्वुर ही नहीं था कि हम और आप जुदा होंगे। कहा कि बहुत कम उम्र में इमरजेंसी के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विवि की यूनियन के सचिव थे और करीब पौने दो साल के लिए जेल जाना पड़ा था। जब जिंदगी की शुरुआत थी तब भी हालातों ने कुर्बानी ली और आज भी हालात कुर्बानी ले रहे हैं। इंसाफ करने वालों का शुक्रिया, जिन्होंने साबित किया कि अभी इंसाफ पसंदगी जिंदा है। 

हमारी भी तो कोई मंजिल होगी, क्या हमारी कोई मंजिल नहीं
कहा कि तारीख को तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है लेकिन मिटाया नहीं जा सकता। हमारे साथ जो हुआ, हमारे घर, खानदान, शहर और जिले के साथ हुआ। चमन बसाए जाते हैं उजाड़े नहीं जाते, ये चमन किस प्रकार उजाड़ा गया है ये आनी वाली नस्ल पर भी असर डालेगा। ये चमन सिर्फ इसलिए उजाड़ दिया गया क्योंकि यहां तुम्हारी आबादी और गिनती ज्यादा है। नाम बदल देने से अकीदा, यकीन और इमान नहीं बदलता है। जुल्म और जालिम की मुद्दत लंबी नहीं होती और जब जुल्म खत्म होता है तो जालिम भी खत्म हो जाता है। हमारा-आपका साथ 40 साल लंबा है, हमारी-आपकी मोहब्बत कम नहीं होगी। हमारी भी तो कोई मंजिल होगी, क्या हमारी कोई मंजिल नहीं।

विस्तार

दो साल दो माह 24 दिन बाद जेल से रिहा होकर सपा नेता आजम खां घर पहुंचे। इससे पहले उन्होंने लोगों को संबोधित किया। घर पर प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने अपने मन की बात कही। जिसमें उन्होंने दिल के दर्द(जेल में बिताए गएदो साल दो माह 24 दिन), अपनों की बेरुखी और सरकार का उनके प्रति रुख, के बारे में खुलकर बात की। 

आजम खां ने कहा कि जो कुछ भी हमारे साथ जेल में हुआ है वो हमारे चेहरे से नजर आ रहा होगा। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को लेकर उन्होंने कहा कि हमसे इतनी नफरत क्यों है, मैं ये समझ नहीं पा रहा हूं। इसके बाद विधानसभा में मुलाकात को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कभी मुलाकात होने पर यह जानने की कोशिश जरूर करूंगा कि मुझे नफरत का कारण क्या है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here