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वर्तमान में मंदिर का क्षेत्रफल 680 वर्ग मीटर है। फिलहाल इसमें निर्माणाधीन हॉल के आसपास 665 वर्ग मीटर क्षेत्र का अधिग्रहण करते हुए विस्तार का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा विद्यापीठ से मंदिर पहुंचने वाले प्रमुख मार्ग गली नंबर चार और परिक्रमा मार्ग से मंदिर पहुंचने वाले वीआईपी मार्ग को चौड़ा किया जाएगा। कॉरिडोर पर खर्च के लिए श्री बांकेबिहारी मंदिर के खजाने में मौजूद 248 करोड़ रुपये के उपयोग करने का सुझाव है। इस तरह काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की भांति बिहारी जी कॉरिडोर बनाया जाएगा।
योजना में कॉरिडोर के साथ कुछ और भी अहम प्रस्ताव दिए जा रहे हैं, जिसमें भक्तजनों द्वारा ठाकुर जी को भेंट किए जाने वाली राशि के बंटवारे पर भी प्रश्न उठाया गया है। 1939 में मुंसिफ मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित की गई व्यवस्था को अब अव्यवहारिक बताते हुए इसके लिए श्रीबांकेबिहारी मंदिर में श्राइन बोर्ड के पैटर्न पर राष्ट्रीय स्तरीय ट्रस्ट बनाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यमुना पार पार्किंग की भी योजना है।
पुलिस रिकार्ड के अनुसार श्री बांकेबिहारी मंदिर में आपराधिक घटनाओं में निरंतर इजाफा हो रहा है। भीड़ का दबाव अधिक होने के कारण श्रद्धालुओं के मोबाइल, जंजीर, पर्स आदि की चोरी हो जाती है। 2018 में ऐसे 63 मामले दर्ज हुए थे। इसके बाद पिछले तीन साल में 78 रिपोर्ट और दर्ज हुईं। इसमें वीआईपी दर्शन का प्रलोभन देकर भी इस तरह की घटनाएं श्रद्धालुओं के साथ होती हैं। मंदिर में मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर इसी साल 29 लोगों ने आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई है।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने श्री बांकेबिहारी मंदिर से जुडे़ पांच बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। उसके मुताबिक नगर निगम, पुलिस, तहसील और मंदिर प्रबंधक से तथ्य और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जल्द ही बिहारी जी से जुड़े प्रकरण में रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
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