91 विद्यार्थियों में को मिल रहा स्वर्ण पदक – फोटो : अमर उजाला
महामना की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शनिवार को स्वर्ण पदक पाकर 91 मेधावियों के चेहरे दमक उठे। मौका था शनिवार को आयोजित 102वें दीक्षांत समारोह का। समारोह में मुख्य अतिथि आईआईटी बीएचयू के 1989 बैच के छात्र और पालो आल्टो नेटवर्क्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निकेश अरोड़ा ने 91 मेधावियों में 113 स्वर्ण पदक और 37 हजार से अधिक विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं। दो साल बाद हुए दीक्षांत की खास बात यह रही कि स्वर्ण पदक पाने वाले 91 में मेधावियों में से 63 बेटियां रहीं।
विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में आयोजित समारोह में सत्र 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के मेधावियों को पदक और पुरस्कार वितरित किया गया। परिसर के सभी संकायों, संस्थानों में उत्सव जैसा माहौल दिखा। यहां समारोह आयोजित कर स्वर्ण, रजत पदक और उपाधियां दी गईं।
मुख्य अतिथि निकेश अरोड़ा ने कहा कि तकनीक के इस युग में युवाओं के सामने काफी अवसर हैं। ऐसे में बड़ी योजनाएं बनानी होंगी। युवा ही भविष्य में बदलाव के संवाहक हैं। तकनीकी दक्षता के आधार पर ही आज दुनिया के कई देश भारत की ओर विशेष नजरों से देख रहे हैं। जीवन में सपना चाहे कोई भी देखिए उसको साकार करने के लिए सीखने का प्रयास लगातार करते रहें।
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा की जानकारी देने के साथ ही छात्रों को जीवन में सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। स्वागत विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो.एके सिंह ने किया। वर्ष 2022
बागीश ओझा, आचार्य सांख्ययोग फाइनल, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
दीपक कुमार उपाध्याय, आचार्य वेदांत फाइनल, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
अभिनायक मिश्रा, आचार्य वेदांत फाइनल, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
दीप्ति कपूर, शास्त्री फाइनल, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
वर्ष 2021
अपूर्वा, एमएससी बॉटनी
प्रशांत मिश्रा, मॉस्टर आफ परफर्मिंग आर्ट फाइनल, संगीत एवं मंच कला संकाय
मिथिलेश पांडेय, आचार्य वेद फाइनल, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
अजय कृष्ण तिवारी, आचार्य वेद, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
भद्रा प्रिया के, बैचलर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स, संगीत एवं मंचकला संकाय
वर्ष 2020
धीरज द्विवेदी, आचार्य ज्योतिष 93.8 प्रतिशत, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
देवकी मिश्रा, शास्त्री फाइनल, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
2020 (29 में 17 बेटियां)
धीरज द्विवेदी आचार्य ज्योतिष 93.8 प्रतिशत, देवकी मिश्रा शास्त्री फाइनल व श्रेया मिश्रा बैचलर ऑफ परफार्मिंग आर्ट, अलंकृता राय मास्टर आफ परफार्मिंग आर्ट, सोहम घोष बीएससी आनर्स केमिस्ट्री, शीना तनेजा एमसीए अप्लीकेशन फाइनल, जेडए मिचेल एमएससी कृषि, मिट्ी व जल सरंक्षण, साक्षी कुमारी बीएससी कृषि फाइनल, अनिकेत कुमार सिंह एमएससी हेल्थ स्टैटिक्स, आनंद शाही एमबीबीएस फाइनल, कंचन राय बीफार्मा, विजयश्री सत्यपाठी एमडी/एमएस आयुर्वेद, वरुण गुप्ता बीडीएस फाइनल, हिमानी पेन्युली एमडीएस फाइनल, अभिषेक शुक्ला एमए संस्कृत विपिन मिश्रा बीए ऑनर्स कला, सुरेंद्र गुप्ता एमए इतिहास, नंदिनी भट्टाचार्य, बीए ऑनर्स मनोविज्ञान, तृप्ति मंध्यान बीकॉम आनर्स, जागृति गुप्ता एमकॉम फाइनल, श्रेया भोटिका एमबीए, श्रद्धा यादव बीएड, हर्षिता राय, बीएड, गरिमा टंडन एमएड, इशा राय बीए एलएलबी, प्रत्युष पांडेय एलएलम एक वर्षीय, आयुष अग्निहोत्री एमएससी पर्यावरण विज्ञान, निखिल कुमार राय बीएफए अप्लायड आर्ट्स व अंकिता एमएफए।
एक नजर में कुल पदक 91 चांसलर पदक 11 गोल्ड मेडल 11 बीएचयू मेडल 79
विस्तार
महामना की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शनिवार को स्वर्ण पदक पाकर 91 मेधावियों के चेहरे दमक उठे। मौका था शनिवार को आयोजित 102वें दीक्षांत समारोह का। समारोह में मुख्य अतिथि आईआईटी बीएचयू के 1989 बैच के छात्र और पालो आल्टो नेटवर्क्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निकेश अरोड़ा ने 91 मेधावियों में 113 स्वर्ण पदक और 37 हजार से अधिक विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं। दो साल बाद हुए दीक्षांत की खास बात यह रही कि स्वर्ण पदक पाने वाले 91 में मेधावियों में से 63 बेटियां रहीं।
विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में आयोजित समारोह में सत्र 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के मेधावियों को पदक और पुरस्कार वितरित किया गया। परिसर के सभी संकायों, संस्थानों में उत्सव जैसा माहौल दिखा। यहां समारोह आयोजित कर स्वर्ण, रजत पदक और उपाधियां दी गईं।
मुख्य अतिथि निकेश अरोड़ा ने कहा कि तकनीक के इस युग में युवाओं के सामने काफी अवसर हैं। ऐसे में बड़ी योजनाएं बनानी होंगी। युवा ही भविष्य में बदलाव के संवाहक हैं। तकनीकी दक्षता के आधार पर ही आज दुनिया के कई देश भारत की ओर विशेष नजरों से देख रहे हैं। जीवन में सपना चाहे कोई भी देखिए उसको साकार करने के लिए सीखने का प्रयास लगातार करते रहें।
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा की जानकारी देने के साथ ही छात्रों को जीवन में सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। स्वागत विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो.एके सिंह ने किया।