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सर सुंदरलाल अस्पताल , बीएचयू
– फोटो : फाइल
विस्तार
बीएचयू अस्पताल में डॉक्टरों (एमबीबीएस इंटर्न) द्वारा फर्जी इंटर्न से ड्यूटी कराने के मामले में गठित दूसरी समिति की जांच रिपोर्ट लटक गई है। मामले में आरोपी डॉक्टरों के बयान दर्ज करने, सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद जांच समिति को इंटर्न की ड्यूटी से जुड़े कागजात नहीं मिल पाए हैं। जांच रिपोर्ट में देरी की वजह से कार्रवाई में भी देरी हो सकती है।
बीएचयू अस्पताल में इमरजेंसी, एमसीएच विंग, ट्रामा सेंटर में अपनी जगह ड्यूटी कराने के मामले में डॉ. सौमिक डे, डॉ. नितिन, डॉ. शुभम और डॉ. कृति अरोड़ा पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज है। मामले में प्रो. संजीव गुप्ता की अध्यक्षता वाली पहली जांच समिति ने चार दिन में जांच कर अपनी रिपोर्ट निदेशक को दे दी। निदेशक ने कुलपति को भी रिपोर्ट भेज दी है, इस पर कार्रवाई का फैसला कुलपति को करना है। इस बीच अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने 27 जनवरी को मनोचिकित्सा विभाग के प्रो. संजय गुप्ता की अध्यक्षता में दूसरी समिति गठित की है। 12 दिन में अब तक समिति ने आरोपी डॉक्टरों का बयान दर्ज किया। फर्जी ड्यूटी से जुड़े फुटेज को भी देखा। जिन विभागों की ओर से चारों इंटर्न की ड्यूटी लगाई गई है, वहां के विभागाध्यक्ष से ड्यूटी से जुड़े कागजात मांगे गए थे। सूत्रों की माने तो अभी भी मामले में कई जरूरी कागजात जांच समिति को नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में जांच रिपोर्ट भी तैयार नहीं हो पा रही है।
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