बिहार पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा के दौरान ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने हर देशवासी को चिंतित कर दिया और देश में बेरोजगारी की असल तस्वीर सबके सामने रखी। नालंदा जिले के मुख्यालय बिहार शरीफ में रविवार को बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा का आयोजन हुआ। इस परीक्षा में शामिल होने आए युवक जब घर लौटने लगे तो रेलवे स्टेशन पर हालात खराब हो गए। चारो तरफ अव्यवस्था फैल गई, जिसके लिए प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की थी। मुजफ्फरपुर में भी हालात कुछ ऐसे ही थे, जहां ट्रेन आते ही परीक्षार्थी उनमें चढ़ने के लिए टूट पड़े। इससे अन्य यात्रियों को भी खासी परेशानी हुई।
परीक्षार्थियों ने अपने घर जाने के लिए बस, निजी वाहन या फिर ट्रेन का सहारा लिया। अधिकतर छात्र काफी दूर से आए थे और ट्रेन ही उनके लिए सही विकल्प थी। ऐसे में रेलवे स्टेशन पर हजारों परीक्षार्थी जमा हो गए। राजीगीर से पटना और फिर पलामू को जाने वाली पलामू एक्सप्रेस ट्रेन जब स्टेशन पर आई तो भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म के अलावा पटरियों के बीच भी बड़ी संख्या में लोग खड़े हो गए।
जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आई, वैसे ही बड़ी संख्या में लोग ट्रेन पर टूट पड़े। कई लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की। स्थानीय रेल पुलिस की तरफ से प्लेटफार्म पर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं देखने के लिए मिली, जिससे लोगों को सहूलियत हो। हालांकि, समय-समय पर काउंटर से अनाउंसमेंट होता रहा था कि जो भी लोग ट्रैक पर हैं वह हट जाएं। लेकिन, भीड़ इतनी थी कि लोग इसे अनसुना कर पटरियों के बीच खड़े रहे।
परीक्षार्थियों का बयान
परीक्षार्थियों ने बताया कि आज जो इस तरह की भीड़ है। इसका कारण यह भी है कि आज बेरोजगारी काफी है। इस वजह से एक ही वैकेंसी पर काफी लोग आवेदन करते हैं। अगर समय-समय पर परीक्षाएं ली जाएं तो ऐसी भीड़ देखने को नहीं मिलेगी।
योगी से नहीं सीख पाए नीतीश कुमार
बिहार से पहले उत्तर प्रदेश में भी पुलिस कॉन्सटेबल की भर्ती के लिए परीक्षा हो रही है। यह परीक्षा कई दिनों तक चलने वाली है। बड़े पैमाने पर हो रही भर्ती के लिए छात्रों ने बडे़ पैमाने पर आवेदन किया था। ऐसे में सरकार ने अव्यवस्था से बचने के लिए पूरी तैयारी की थी। अलग-अलग जगहों से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए स्पेशन ट्रेन और बसें चलाई गई थीं। इससे परीक्षार्थियों और सामान्य लोगों को भी कम से कम असुविधा हुई। इसके साथ ही लोगों को अतिरिक्त खर्च भी नहीं करना पड़ा। हालांकि, यूपी के बिहार में परीक्षा हुई, लेकिन नीतीश कुमार ने योगी आदित्यनाथ से कुछ नहीं सीखा। बिहार सरकार ने ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए और उसी वजह से ऐसी स्थिति बनी।