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भाप का इंजन
– फोटो : अमर उजाला
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छुक छुक करती ट्रेन चली…यह लाइन बचपन में किताबों में पढ़ी और सुनी। दरअसल, भाप के इंजन से चलने वाली ट्रेन छुक छुक की आवाज निकालती थी। अब भाप के इंजन इतिहास बन चुके हैं। लेकिन बिजनौर में रेलवे का यह अतीत अब तक जिंदा है। जी हां, बिजनौर के स्योहारा में भाप का इंजन अब भी चलता है। हालांकि इसके संचालन का दायरा सिमट कर चीनी मिल और चीनी मिल से रेलवे स्टेशन तक रह गया है।
भारत में चलने वाली पहली रेलगाड़ी को भाप के इंजन से ही चलाया गया, साल 1990 तक यह व्यवस्था चली। इसके बाद धीरे-धीरे पटरियों से भाप के इंजन हटा लिए गए। साल 1971 में इनका निर्माण भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। अब डीजल इंजन भी हटाए जा रहे हैं और दौर आ चला है बिजली से चलने वाले इंजन का।
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