नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी दिल्ली से कज़ान, रूस के लिए प्रस्थान किया। वहां पहुंच कर मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और विश्व के कई नेताओं से अलग अलग मुलाकात भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत ब्रिक्स के भीतर करीबी सहयोग को महत्व देता है जो वैश्विक विकास एजेंडे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। मोदी ने ब्रिक्स समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के शहर कजान की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में यह बात कही। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के मुख्य सदस्य हैं और यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के साथ ब्रिक्स के विस्तार से वैश्विक बेहतरी के लिए इसकी समावेशिता और एजेंडा बढ़ा है।
मोदी ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। रूस द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन को यूक्रेन में संघर्ष और पश्चिम एशिया में बिगड़ते हालात के बीच गैर-पश्चिमी देशों द्वारा अपनी ताकत दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक सहित कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। पिछले वर्ष जोहानिसबर्ग में हुए शिखर सम्मेलन के बाद समूह का यह पहला शिखर सम्मेलन होगा।
मोदी ने यात्रा के लिए रवाना होने से पहले अपने बयान में कहा, ‘‘भारत ब्रिक्स के भीतर करीबी सहयोग को महत्व देता है जो वैश्विक विकासात्मक एजेंडा, बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण, सांस्कृतिक और लोगों को आपस में जोड़ने आदि से जुड़े मुद्दों पर बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है।’’ मोदी ने कहा कि कजान की उनकी यात्रा भारत और रूस के बीच ‘‘विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’’ को और मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री ने जुलाई में मॉस्को की यात्रा की थी और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ शिखर वार्ता की थी।
मोदी ने कहा, ‘‘जुलाई 2024 में मॉस्को में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन के आधार पर कजान की मेरी यात्रा भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी।’’
बाद में मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कजान रवाना हो रहा हूं। भारत ब्रिक्स को बहुत महत्व देता है और मैं विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श की उम्मीद करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि वह वहां विभिन्न नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हैं। ब्राजील, रूस, भारत और चीन के नेताओं की सेंट पीटर्सबर्ग में 2006 में हुई बैठक के बाद एक औपचारिक समूह के रूप में ‘ब्रिक’ की शुरुआत हुई।
‘ब्रिक’ को 2010 में दक्षिण अफ्रीका को शामिल करते हुए ‘ब्रिक्स’ के रूप में विस्तारित करने पर सहमति बनी। पिछले साल समूह का विस्तार किया गया जो 2010 के बाद पहली ऐसी कवायद थी। ब्रिक्स के नए सदस्य देशों में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।