Bypoll in UP: भाजपा ने मैनपुरी में अगड़ों-अति पिछड़ों के सहारे की सपा का गढ़ भेदने की तैयारी

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This is the plan BJP have to win bypolls in Uttar Pradesh.

– फोटो : amar ujala

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मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा उप चुनाव में भाजपा ने साहस, संघर्ष और सहानुभूति के सहारे सपा के गढ़ भेदने की तैयारी की है। मैनपुरी में भाजपा ने वहां के पुराने क्षत्रप और शिवपाल यादव के साहसी साथी रहे रघुराज शाक्य को प्रत्याशी बनाकर अति-पिछड़ों व अगड़ों को साधने की कोशिश की है। वहीं रामपुर में आजम खां के खिलाफ संघर्ष कर रहे आकाश सक्सेना को इनाम दिया गया है। खतौली में पूर्व विधायक विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को टिकट देकर चुनाव को राष्ट्रवाद का रंग देने का प्रयास किया है।

मैनपुरी में मुलायम की गैर मौजूदगी में हो रहा उप चुनाव सपा के लिए उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में निर्णायक भूमिका अदा करने वाला है। वहीं भाजपा के लिए सपा का गढ़ भेदने के लिए मौका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के तहत मुलायम सिंह को 5,24,926 मत मिले थे जबकि भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 4,30,537 मत मिले थे। मुलायम 94,389 मतों से चुनाव जीते थे। भोगांव को छोड़कर मैनपुरी की चार विधानसभा सीटों पर मुलायम ने बढ़त बनाई थी। विधानसभा चुनाव 2022 में पांच में से करहल, जसवंतनगर और किशनी सीट सपा को जीत मिली। सिर्फ मैनपुरी और भोगांव भाजपा ने जीती है।

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इस बार भाजपा ने यहां सेंध लगाने के लिए करीब दो दशक तक क्षेत्र में सपा का चेहरा रहे रघुराज शाक्य को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने सपा के एमवाई फैक्टर से मुकाबला करने के लिए शाक्य मतदाताओं के साथ अपने परंपरागत ठाकुर, ब्राह्मण और वैश्य के साथ पिछड़े मतदाताओं को साधने की योजना बनाई है। पार्टी का मानना है कि दलित वोट बैंक पर लगातार काम करने और उप चुनाव में बसपा-सपा अलग-अलग होने से दलित वोट का लाभ भी पार्टी प्रत्याशी को मिलेगा। 

जसवंतनगर में बूथ प्रबंधन से ज्यादा बूथ की सुरक्षा पर रहेगा फोकस
जसवंतनगर सपा विधायक शिवपाल का गढ़ माना जाता है। 2019 में मुलायम सिंह की जीत में जसवंतनगर का विशेष योगदान था। भाजपा ने जसवंतनगर में बूथ प्रबंधन के साथ बूथ की सुरक्षा की रणनीति बनाई है। यहां मतदान के दिन बूथ की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाएगा। 

हर विधानसभा क्षेत्र की बनी रणनीति
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल भोगांव से बढ़त मिली थी। जबकि करहल, जसवंतनगर, किशनी और मैनपुरी में सपा आगे रही थी। इस लिहाज से भाजपा ने उप चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की सूक्ष्म रणनीति तैयार की है। ताकि सपा के मत प्रतिशत को कम किया जा सके।

रामपुर में संघर्ष के साथ सबका साथ सबका विकास
रामपुर में भाजपा ने सपा के पूर्व विधायक आजम खां के खिलाफ संघर्ष कर रहे आकाश सक्सेना को प्रत्याशी बनाकर उनके संघर्ष को सम्मान दिया है। पार्टी ने चुनाव को सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के रंग में रंगने की तैयारी की है। आजम के खिलाफ कार्रवाई को निर्णायक मोड में लाकर योगी सरकार ने वहां आजम के विरोधियों को संबल दिया है। वहीं भाजपा ने मुस्लिम लाभार्थियों के सम्मेलन के साथ पसमांदा समाज के बीच भी गतिविधियां बढ़ाई है। रामपुर में भाजपा ने कायस्थ मतदाताओं के साथ सभी पिछड़े मतदाताओं को लामबंद करने की योजना बनाई है। 

खतौली में राष्ट्रवाद और सहानुभूति
मुजफ्फरनगर दंगे में विक्रम सिंह सैनी ने राष्ट्रवादी संगठनों के बैनर तले सक्रिय भूमिका अदा की थी। विक्रम को दंगे के आरोप में दो वर्ष की सजा होने पर न सिर्फ मुजफ्फरनगर, बल्कि उसके आस-पास के जिलों में भी उनके प्रति सहानुभूति है। पार्टी ने उनकी पत्नी राजकुमारी सैनी को टिकट देकर स्थानीय जनता और मतदाताओं की सहानुभूति को साधने की कोशिश की है। सूत्रों के मुताबिक खतौली उप चुनाव में पार्टी राष्ट्रवाद के एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेगी।

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मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा उप चुनाव में भाजपा ने साहस, संघर्ष और सहानुभूति के सहारे सपा के गढ़ भेदने की तैयारी की है। मैनपुरी में भाजपा ने वहां के पुराने क्षत्रप और शिवपाल यादव के साहसी साथी रहे रघुराज शाक्य को प्रत्याशी बनाकर अति-पिछड़ों व अगड़ों को साधने की कोशिश की है। वहीं रामपुर में आजम खां के खिलाफ संघर्ष कर रहे आकाश सक्सेना को इनाम दिया गया है। खतौली में पूर्व विधायक विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को टिकट देकर चुनाव को राष्ट्रवाद का रंग देने का प्रयास किया है।

मैनपुरी में मुलायम की गैर मौजूदगी में हो रहा उप चुनाव सपा के लिए उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में निर्णायक भूमिका अदा करने वाला है। वहीं भाजपा के लिए सपा का गढ़ भेदने के लिए मौका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के तहत मुलायम सिंह को 5,24,926 मत मिले थे जबकि भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 4,30,537 मत मिले थे। मुलायम 94,389 मतों से चुनाव जीते थे। भोगांव को छोड़कर मैनपुरी की चार विधानसभा सीटों पर मुलायम ने बढ़त बनाई थी। विधानसभा चुनाव 2022 में पांच में से करहल, जसवंतनगर और किशनी सीट सपा को जीत मिली। सिर्फ मैनपुरी और भोगांव भाजपा ने जीती है।

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इस बार भाजपा ने यहां सेंध लगाने के लिए करीब दो दशक तक क्षेत्र में सपा का चेहरा रहे रघुराज शाक्य को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने सपा के एमवाई फैक्टर से मुकाबला करने के लिए शाक्य मतदाताओं के साथ अपने परंपरागत ठाकुर, ब्राह्मण और वैश्य के साथ पिछड़े मतदाताओं को साधने की योजना बनाई है। पार्टी का मानना है कि दलित वोट बैंक पर लगातार काम करने और उप चुनाव में बसपा-सपा अलग-अलग होने से दलित वोट का लाभ भी पार्टी प्रत्याशी को मिलेगा। 

जसवंतनगर में बूथ प्रबंधन से ज्यादा बूथ की सुरक्षा पर रहेगा फोकस

जसवंतनगर सपा विधायक शिवपाल का गढ़ माना जाता है। 2019 में मुलायम सिंह की जीत में जसवंतनगर का विशेष योगदान था। भाजपा ने जसवंतनगर में बूथ प्रबंधन के साथ बूथ की सुरक्षा की रणनीति बनाई है। यहां मतदान के दिन बूथ की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाएगा। 

हर विधानसभा क्षेत्र की बनी रणनीति

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल भोगांव से बढ़त मिली थी। जबकि करहल, जसवंतनगर, किशनी और मैनपुरी में सपा आगे रही थी। इस लिहाज से भाजपा ने उप चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की सूक्ष्म रणनीति तैयार की है। ताकि सपा के मत प्रतिशत को कम किया जा सके।

रामपुर में संघर्ष के साथ सबका साथ सबका विकास

रामपुर में भाजपा ने सपा के पूर्व विधायक आजम खां के खिलाफ संघर्ष कर रहे आकाश सक्सेना को प्रत्याशी बनाकर उनके संघर्ष को सम्मान दिया है। पार्टी ने चुनाव को सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के रंग में रंगने की तैयारी की है। आजम के खिलाफ कार्रवाई को निर्णायक मोड में लाकर योगी सरकार ने वहां आजम के विरोधियों को संबल दिया है। वहीं भाजपा ने मुस्लिम लाभार्थियों के सम्मेलन के साथ पसमांदा समाज के बीच भी गतिविधियां बढ़ाई है। रामपुर में भाजपा ने कायस्थ मतदाताओं के साथ सभी पिछड़े मतदाताओं को लामबंद करने की योजना बनाई है। 

खतौली में राष्ट्रवाद और सहानुभूति

मुजफ्फरनगर दंगे में विक्रम सिंह सैनी ने राष्ट्रवादी संगठनों के बैनर तले सक्रिय भूमिका अदा की थी। विक्रम को दंगे के आरोप में दो वर्ष की सजा होने पर न सिर्फ मुजफ्फरनगर, बल्कि उसके आस-पास के जिलों में भी उनके प्रति सहानुभूति है। पार्टी ने उनकी पत्नी राजकुमारी सैनी को टिकट देकर स्थानीय जनता और मतदाताओं की सहानुभूति को साधने की कोशिश की है। सूत्रों के मुताबिक खतौली उप चुनाव में पार्टी राष्ट्रवाद के एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेगी।



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