Campus: एडेड और राजकीय कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को राहत, चार से पांच गुना कम होगा परीक्षा शुल्क

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सीसीएसयू से संबद्ध सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है। अब उनका परीक्षा शुल्क भी एडेड और राजकीय कॉलेजों के बराबर होगा। इस संबंध में शासन की तरफ से सभी विवि को आदेश जारी कर दिए हैं। इससे सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में चार से पांच गुना परीक्षा शुल्क कम हो जाएगा। 

अभी तक एडेड और राजकीय कॉलेजों में परीक्षा शुल्क की राशि अलग थी और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में अलग थी। इसमें चार से पांच गुना का अंतर था। शासन की तरफ से सोमवार को जारी निर्देशों में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत सभी पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू हो चुकी है। परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित कराई जाएंगी। अभी तक प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों यहां तक की कॉलेजों में भी समानता नहीं थी। इसको लेकर विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार द्वारा जारी निर्देशों में कहा है कि सभी विश्वविद्यालयों में समान परीक्षा शुल्क ही लिया जा सकता है। 

परीक्षा शुल्क से मिलते हैं 100 करोड़ 
विवि को अब तक परीक्षा शुल्क से हर साल सालाना 100 करोड़ रुपये मिलते थे। परीक्षा शुल्क सभी कॉलेजों में समान होने के बाद विश्वविद्यालय को परीक्षा शुल्क से 40 करोड़ रुपये मिलेंगे। सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के संचालकों की तरफ से भी यह मांग लगातार उठाई जा रही थी कि उनके यहां शुल्क बहुत ज्यादा है, इसे एडेड और राजकीय कॉलेजों के बराबर किया जाए। 
 

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कोर्स और परीक्षा शुल्क 
बीए, बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए, बीएफए, बीएड, बीपीएड, बीजेएमसी, बीवॉक – 800
एलएलबी, बीएससी एग्रीकल्चर ऑनर्स, विधि ऑनर्स, बीटेक, बीएससी बायोटेक, बीलिब – 1000
बीडीएस, नर्सिंग, बीएएमएस, बीयूएमएस – 1500

कांवड़ यात्रा के अवकाश के बीच स्कूल में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू  
कांवड़ यात्रा के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा सोमवार को सभी स्कूलों में 19 से 27 जुलाई तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। इसी बीच स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। शहर के अधिकतर स्कूलों में समय सारणी जारी कर दी गई है। इसी अनुसार छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई होगी और बाकी गतिविधियां भी जारी रहेंगीं। 
शहर में सीबीएसई के 140 स्कूल संचालित हैं। कुछ स्कूल जून में अपने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद दोबारा शुरू हुए थे। वहीं अधिकतर स्कूलों में सभी कक्षाओं के साथ यथावत संख्या में जुलाई में ही कक्षाएं शुरू की गई थीं। जिसके कारण सिलेबस को उचित समय पर पूरा करने के लिए अधिकतर स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं चालू की जाएंगी। जिसमें केजी विंग भी शामिल रहेंगे। कुछ स्कूलों में आंतरिक परीक्षाएं चालू हैं, जो कि आदेश के बाद स्थगित कर दी गई हैं। छात्रों और अभिभावकों को इसकी सूचना स्कूलों द्वारा दे दी गई है। इसी के साथ कुछ स्कूलों में भी ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के लिए निर्णय लेना बाकी है। 

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इस स्कूलों में चलेंगी ऑनलाइन कक्षाएं
केएल इंटरनेशनल स्कूल, दीवान पब्लिक स्कूल, दीवान इंटरनेशनल स्कूल, एमपीएस ग्रुप की सभी शाखाएं, गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल, राधा गोविंद पब्लिक स्कूल, बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल, आर्मी पब्लिक स्कूल, केवी सिख लाइंस, केवी पंजाब लाइंस, सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल आदि। यूपी बोर्ड में सेठ बीके माहेश्वरी गर्ल्स इंटर कॉलेज एवं इस्माईल इंटर कॉलेज में 19 से 27 तक ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी।

विस्तार

सीसीएसयू से संबद्ध सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है। अब उनका परीक्षा शुल्क भी एडेड और राजकीय कॉलेजों के बराबर होगा। इस संबंध में शासन की तरफ से सभी विवि को आदेश जारी कर दिए हैं। इससे सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में चार से पांच गुना परीक्षा शुल्क कम हो जाएगा। 

अभी तक एडेड और राजकीय कॉलेजों में परीक्षा शुल्क की राशि अलग थी और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में अलग थी। इसमें चार से पांच गुना का अंतर था। शासन की तरफ से सोमवार को जारी निर्देशों में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत सभी पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू हो चुकी है। परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित कराई जाएंगी। अभी तक प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों यहां तक की कॉलेजों में भी समानता नहीं थी। इसको लेकर विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार द्वारा जारी निर्देशों में कहा है कि सभी विश्वविद्यालयों में समान परीक्षा शुल्क ही लिया जा सकता है। 

परीक्षा शुल्क से मिलते हैं 100 करोड़ 

विवि को अब तक परीक्षा शुल्क से हर साल सालाना 100 करोड़ रुपये मिलते थे। परीक्षा शुल्क सभी कॉलेजों में समान होने के बाद विश्वविद्यालय को परीक्षा शुल्क से 40 करोड़ रुपये मिलेंगे। सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के संचालकों की तरफ से भी यह मांग लगातार उठाई जा रही थी कि उनके यहां शुल्क बहुत ज्यादा है, इसे एडेड और राजकीय कॉलेजों के बराबर किया जाए। 

 

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