[ad_1]
मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर के पहले पहर अर्थात 24 दिसंबर की मध्य रात्रि 12 से तीन के बीच हुआ था। इसलिए इस दिन रात के 12 बजते ही गिरजाघरों में प्रभु आगमन की खुशी में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं। दूसरे दिन 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
बाजार में रौनक
क्रिसमस के मद्देनजर शुक्रवार को सुबह से बाजारों में रौनक दिखी। शहर के गोलघर, रेती चौक, आजाद चौक, बशारतपुर, रेलवे स्टेशन सहित तमाम मसीही मोहल्लों में दुकानों को सजाया गया है। चॉकलेट, कैंडी गिफ्ट, क्रिसमस केक की खरीदारी के लिए दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है।
केक बनवाने में लगी है होड़
मसीही समाज के लोग अपने घर के बच्चों के साथ सुबह के वक्त बॉक्स में केक सामग्री लेकर बेकरी की तरफ जाते दिखाई दिए। केक बनाने में बच्चों को लेकर जाने का अर्थ मसीही परंपरा से बच्चों को अवगत कराना है। बच्चों में कागजों पर अपने नाम, नंबर को लिखकर केक के ऊपर चिपकाने की होड़ लगी रहती है। जब केक बेक होकर बेकरी से बाहर होता है तो बच्चे अपने नाम और नंबर को मिलाकर उसे इकट्ठा कर लेते हैं। मेहमान और अजीजों के लिए घरों में वेज नॉनवेज के लजीज व्यंजन बनाने की तैयारी हो रही है।
[ad_2]
Source link