धराली में बादल फटने से भरी तबाही, चार लोगों की मौत, कई लापता

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने से आयी बाढ़ के कारण भारी जानमाल के नुकसान हुआ है जिसे देखते हुए सेना के साथ ही राहत और बचाव दलों को लोगों की मदद के लिए लगाया गया है। उत्तरकाशी के जिलाधिकरी प्रशांत आर्य ने इस आपदा में चार लोगों की मौत होने की पुष्टि की है। जिला प्रशासन ने सूचना हासिल करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 01374222126, 222722 और 9456556431 जारी किये हैं। आपदा में कई लोगों के दबे होने और मारे जाने की आशंका है।

धराली बाजार में कई होटल, दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान में मिट्टी में दबे हैं। धराली गांव के कई घर भी इस आपदा से तबाह हो गये हैं। राज्य सरकार ने केंद्र से दो 2 एमआई तथा एक चिनूक हेलीकॉप्टर की मांग की है ताकि राहत और बचाव कार्यों में आसानी हो। वायुसेना से भी राहत और बचाव करने में सहायाता की मांग की गयी है।

जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार जिले की भटवाड़ी तहसील में हर्षिल के नजदीक खीर गाड में दिन में 1.50 बजे के आसपास जलस्तर बढने से घराली बाजार में भारी मलबा आ गया। कुछ ही मिनट में मलबा कई भवनों, होटलों एवं दुकानों को क्षतिग्रस्त कर गया।

घटना के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश तथा देहरादून के कई चिकित्सालयों में बेड आरक्षित कर दिये गये हैं और एम्बुलेंस घटना स्थल पर भेज दी गयी हैं। इस बीच आंध्र प्रदेश के दौरे पर गये मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी दौरा बीच में ही छोड़कर देहरादून लौट आये हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सेना के साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन एवं केंद्रीय आपदा प्रबंधन की टीमें जिला प्रशासन तथा अन्य संबंधित टीमों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं। वह इस सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हैं और स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार घटना में 20 से 25 होटल तथा होमस्टे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। कई लोगों के दबे होने की आशंका है। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गये हैं। बाढ़ के चलते खीर गाड़ के तट पर स्थित प्राचीन कल्प केदार मंदिर के भी पूरी तरह से मलबे में दबने की सूचना है। हर्षिल सेना कैंप के पास बहने वाली तेलगाड़ भी उफान पर है जिससे कैम्प में भी पानी घुसने की खबर है। गंगोत्री हाईवे भी बंद हो गया है।

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आपदाग्रस्त स्थान पर सेना ने शुरू किया रेस्क्यू
धराली में आपदा आने के बाद सेना के जवान भी घटनास्थल पहुंचकर बचाव कार्यों में जुट गए हैं । सेना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि सूचना मिलते ही सेना की आईब्रेक्स ब्रिगेड के जवानों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। पोस्ट में कहा गया है कि आपदा में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सेना ने कहा कि वह आपदा की घड़ी में लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

आंध्र प्रदेश की यात्रा बीच में छोड़कर लौटे धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से मची तबाही के मद्देनजर आंध्र प्रदेश की अपनी यात्रा बीच में ही छोड़कर देहरादून रवाना हो गये हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त की संवेदना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह उत्तरकाशी के धराली में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने प्रभावित लोगों को पूरी मदद का आश्वासन दिया है। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही, मैं सभी प्रभावित लोगों की कुशलता की कामना करता हूं। मैंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात की है और स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की है।’’ उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव दल अपने काम में जुट गये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लोगों को सहायता पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। ’’

अमित शाह मुख्यमंत्री से बात की, सात बचाव टीम रवाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर धराली में अचानक आई बाढ़ के बारे में जानकारी ली और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए सात बचाव टीम भेजने का आदेश दिया। अमित शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘धराली (उत्तरकाशी) में अचानक आई बाढ़ के संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की और घटना की जानकारी ली। पास में ही तैनात आईटीबीपी की तीन टीम को घटनास्थल पर भेज दिया गया है, साथ ही एनडीआरएफ की चार टीम भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं, जो शीघ्र पहुंच कर बचाव कार्य में लगेंगी।’’

आईटीबीपी टीम पहुंची धराली
अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड के मातली में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 12वीं बटालियन से 16 सदस्यीय टीम धराली पहुंच गयी है, जबकि इसी बल की एक अन्य टीम को भी बादल फटने वाली जगह पर पहुंचने को कहा गया है। धराली गंगोत्री के रास्ते में मुख्य पड़ाव है और यहां कई होटल, रेस्तरां और होमस्टे हैं।

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