सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर बैठक कर संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की। जिसके बाद संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं। सीएम के निर्देश के बाद प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों को संचारी रोगों की चपेट में आये व्यक्तियों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। जो स्थान हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित हों, ऐसे स्थानों पर नगर आयुक्त या फिर अधिशाषी अधिकारी को पहुंचना होगा। इतना ही नहीं बीमारियों की रोकथाम के लिए सीएम ने रोजाना सुबह सैनीटाइजेशन व शाम को फॉगिंग का निर्देश दिया है।
बैठक के दौरान सीएम ने कहा है कि हर साल अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर महीने में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है। अक्टूबर महीने से इसका नया चरण शुरू होना है। इसमें सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने अपना इंसेफेलाइटिस नियंत्रण और कोविड प्रबंधन के दो सफल मॉडल हैं, जो संचारी रोग अभियान में हमारे लिए उपयोगी होंगे। आज हर जिले में डेंगू जांच की सुविधा है। हालांकि 15 नवम्बर तक का समय संचारी रोगों की दृष्टि से हमारे लिए संवेदनशील है।
उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, मुरादाबाद जिले डेंगू से प्रभावित रहे हैं। वहीं बुलंदशहर और संभल में डेंगू आउटब्रेक की स्थिति भी देखी गई। जबकि बरेली, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई बदायूं, पीलीभीत और संभल में मलेरिया का असर रहा है। इसके अलावा प्रयागराज, कानपुर नगर, बाराबंकी, कुशीनगर, संत कबीरनगर, सहारनपुर और बस्ती में चिकनगुनिया की चपेट में लोग आये हैं। इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
सीएम ने निर्देश दिया कि सभी सरकारी व निजी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में नए मरीजों की नियमित रिपोर्टिंग जरूर हो। प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों के लिए डीएम द्वारा एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। यह नोडल अधिकारी हर दिन शाम को अपने प्रभार के अस्पतालों की जांच कर व्यवस्था सुचारू बनाए रखें।