मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने मथुरा दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर ठाकुरजी के दर्शन के साथ की। मुख्यमंत्री मंगलवार की सुबह सबसे पहले श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित केशवदेव मंदिर पहुंचे। यहां ठाकुर केशवदेव महाराज के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने गर्भगृह और योगमाया मंदिर में दर्शन किए। यहां से भागवत भवन में पहुंचे। यहां सेवायतों ने मुख्यमंत्री को विधि-विधान से पूजन अर्चन कराया। दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री को सेवायत ने उनको भगवान का प्रसादी अंगवस्त्र और प्रसाद भेंट किया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने उनको भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमा भेंट की। मुख्यमंत्री करीब 15 मिनट तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर रहे। इसके बाद प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक में बतौर अध्यक्ष शामिल होने के लिए रसखान की समाधि स्थल रवाना हो गए।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान से मुख्यमंत्री का काफिला गोकुल स्थित रसखान समाधि स्थल के लिए रवाना हुआ। रसखान समाधि स्थल का जीर्णोद्धार किया गया है। मुख्यमंत्री ने रसखान समाधि स्थल, ताज बीबी सहित पूरे परिसर का भ्रमण किया। उन्होंने तीर्थ विकास परिषद द्वारा कराए गए विकास कार्यों की सराहना की। यहां उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री ने की।
बैठक में ब्रज क्षेत्र की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर चर्चा हुई। नेशनल हाईवे प्राधिकरण द्वारा पांच हजार करोड़ की लागत से बनने वाले ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग और मथुरा-वृंदावन रेल मार्ग का हेरिटेज पथ के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव भी शामिल है। ब्रज तीर्थ विकास परिषद की इन दोनों ही योजनाएं पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय धनराशि लगाने को तैयार है।
मुख्यमंत्री के समक्ष करीब चार हजार करोड़ की लागत वाली एलिवेटेड रोड के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा गया। यह रोड नेशनल हाईवे-19 के साथ यमुना एक्सप्रेसवे को वृंदावन, मथुरा, गोकुल और ब्रह्मांडघाट से भी जोडे़गी। करीब 45 किलोमीटर का यह दायरा मथुरा के लिए विकास की नई सौगात साबित होगा, जिसे यमुना किनारे यमुना एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे के मध्य प्रस्तावित किया गया है।
दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ पहली बार सोमवार को ठाकुर श्रीबांकेबिहारी की नगरी वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद श्रीबांकेबिहारी के दर्शन किए। उन्होंने रामकृष्ण मिशन सेवा संस्थान द्वारा संचालित कैथलैब का उद्घाटन किया।