महाकुंभ में उमड़ा जनसैलाब, 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया अमृत स्नान

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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज का दिन काफी अहम है। आज अमृत स्नान का पहला दिन है। इस मौके पर संगम के तट पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। 12 बजे तक 1 करोड़ 60 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। जानकारी के मुताबिक आज 3.50 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई।

मकर संक्रांति के मौके पर अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा अमृत स्नान जारी है। मकर संक्रांति पर सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने अमृत स्नान किया। गौरतलब है कि पहला अमृत स्नान कई मायनों में खास है। यह सोमवार को पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम क्षेत्र में पहले बड़े स्नान के एक दिन बाद हुआ।

गौरतलब है कि अमृत स्नान के दौरान 13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ मेले का मुख्य आकर्षण अमृत स्नान को ही माना जाता है। इसमें सबसे पहले स्नान का अवसर नागा साधुओं को दिया जाता है, आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है?

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धार्मिक मान्यताओं की मानें तो जब देवता और असुर समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश की रक्षा के लिए एक-दूसरे से संघर्ष कर रहे थे, तो अमृत की 4 बूंदें 4 जगहों (प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नाशिक) पर गिर गईं। इसके बाद यहां महाकुंभ मेले की शुरुआत की गई। नागा साधु भोले बाबा के अनुयायी माने जाते हैं और वह इस स्नान को सबसे पहले करने के अधिकारी माने गए। तभी से यह परंपरा चली आ रही कि अमृत स्नान पर सबसे पहला हक नागा साधुओं का ही रहता है। नागा का स्नान, धर्म और आध्यत्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है।

इस मौके पर सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट भी किया। उन्होंने कहा, ‘यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालु जनों का अभिनंदन!।’

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