कहते हैं गूगल पर सब कुछ मिलता है, जी बिल्कुल। गूगल पर ऐड के माध्यम से टाॅप पर आना साइबर ठगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। गूगल को बहुत सारे लोग विज्ञापन के माध्यम से उपयोग करते हैं जिसके चलते गूगल का सर्च इंजन सबसे पहले कापी के रूप में बनी फर्जी वेबसाइट को सबसे पहले फेंकता है। अमूमन गूगल पर सर्च के दौरान जो नम्बर सबसे पहले आता है उसी को लोग मिलाकर जानकारी करने लगते हैं। इसी का फायदा साइबर ठग उठाते हैं।
ताजा मामला कानपुर से आ रहा है जहां एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका को गूगल पर बैंक का हेल्पलाइन नंबर खोजना भारी पड़ गया। गलत नंबर पर बात कर वह साइबर ठगों के जाल में फंस गई और चार लाख रुपये गंवा बैठी। नौबस्ता पुलिस ने शिक्षिका की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली। यशोदानगर के शंकराचार्य निवासी तृप्ति पांडेय पेशे से सरकारी टीचर हैं।
तृप्ति ने बताया कि वह कुछ समय पहले अपने बैंक खाते से भाई को आठ लाख रुपये ट्रांसफर कर रही थी, जो नहीं हुआ। हालांकि इस लेनदेन के चार्ज बैंक ने काट लिए। इस पर उन्होंने गूगल पर बैंक का हेल्पलाइन नंबर सर्च किया। उस पर संपर्क किया, तो बात करने वाले ने बैंक प्रतिनिधि बन पहले, तो उनसे एनी डेस्क एप इंस्टॉल कराया।
इसके बाद डेबिट कार्ड की डिटेल भरवाकर खाते से तीन बार में चार लाख रुपये निकाल लिए। उन्हें जब मैसेज आए, तो ठगी का एहसास हुआ। इस पर उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल नंबर 1930 पर सूचना दर्ज कराने के बाद नौबस्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।