Deepotsav: दीपोत्सव के लिए सजने लगा राममंदिर का गर्भगृह, 51 हजार दीपों से आलोकित होगी रामजन्मभूमि

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राम मंदिर के गर्भगृह में दीपोत्सव की तैयारी का शुभारंभ करते चंपत राय।

राम मंदिर के गर्भगृह में दीपोत्सव की तैयारी का शुभारंभ करते चंपत राय।
– फोटो : FAIZABAD

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दीपोत्सव के लिए रामजन्मभूमि परिसर को सजाने का काम रविवार से शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसका शुभारंभ किया। चंपत राय ने स्वयं चित्रों में रंगा भरा। इस बार दीपोत्सव में रामजन्मभूमि की भव्यता आकर्षण का केंद्र होगी। देश की प्रमुख लोक कलाओं के दर्शन भी यहां होंगे। अवधी, वरली, मधुबनी, मिथिला की चित्रकारी से रामजन्मभूमि के गर्भगृह की भव्यता में और इजाफा होगा।

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला दीपोत्सव 21 से 23 अक्तूबर तक होने जा रहा है। इसको लेकर पूरे अयोध्या को त्रेतायुग की तरह सजाने का काम प्रारंभ कर दिया है। हाईवे पर जहां रामायण के पात्रों की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं।
वहीं शहर को भी सजाने का काम शुरू हो चुका है। इसी क्रम में सरयू तट पर लता मंगेशकर चौक का भी लोकार्पण 27 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। रामजन्मभूमि परिसर को भी अलौकिक रूप देने की कवायद रविवार को शुरू हो गई है। इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्र को सौंपी गई है। आशीष ने बताया कि राममंदिर के अस्थायी गर्भगृह में इस बार भारतीय लोक कलाओं के भी दर्शन होंगे।

बिहार की मिथिला, मधुबनी, अवधी लोककला, महाराष्ट्र की वरली, राजस्थान की लघु चित्रकला पर आधारित पेंटिंग अस्थाई गर्भगृह के दीवारों पर बनाई जा रही हैं। पहले दिन गणेश प्रतिमा को आकार दिया गया। जिसमें ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रंग भरा। बताया कि अवध विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं की टीम जुटी हुई है। टीम में माही, प्रिया, चंदन, मानसी, अक्षिता सिंह, अक्कू शुक्ला शामिल है।

कनौसा कांवेंट की सेवानिवृत्त कला शिक्षिका डॉ.राधिका देवी व डॉ.हेमलता शुक्ला के निर्देशन में गर्भगृह को सजाने में बच्चे जुटे हुए हैं। रामजन्मभूमि परिसर सहित पूरे अयोध्या दीपोत्सव में आलोकित होगी।

रामजन्मभूमि में 51 हजार दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए मंदिर परिसर को दिव्यता व भव्यता देने का काम शुरू हो गया है। अस्थायी गर्भगृह में भव्य चित्रकारी की जा रही है, जिसमें भारतीय लोक कलाओं के दर्शन होंगे। दीपोत्सव से पहले पूरे मंदिर परिसर को अलौकिक स्वरूप प्रदान करने की कोशिश है।- चंपत राय, महासचिव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

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दीपोत्सव के लिए रामजन्मभूमि परिसर को सजाने का काम रविवार से शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसका शुभारंभ किया। चंपत राय ने स्वयं चित्रों में रंगा भरा। इस बार दीपोत्सव में रामजन्मभूमि की भव्यता आकर्षण का केंद्र होगी। देश की प्रमुख लोक कलाओं के दर्शन भी यहां होंगे। अवधी, वरली, मधुबनी, मिथिला की चित्रकारी से रामजन्मभूमि के गर्भगृह की भव्यता में और इजाफा होगा।

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला दीपोत्सव 21 से 23 अक्तूबर तक होने जा रहा है। इसको लेकर पूरे अयोध्या को त्रेतायुग की तरह सजाने का काम प्रारंभ कर दिया है। हाईवे पर जहां रामायण के पात्रों की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं।

वहीं शहर को भी सजाने का काम शुरू हो चुका है। इसी क्रम में सरयू तट पर लता मंगेशकर चौक का भी लोकार्पण 27 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। रामजन्मभूमि परिसर को भी अलौकिक रूप देने की कवायद रविवार को शुरू हो गई है। इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्र को सौंपी गई है। आशीष ने बताया कि राममंदिर के अस्थायी गर्भगृह में इस बार भारतीय लोक कलाओं के भी दर्शन होंगे।

बिहार की मिथिला, मधुबनी, अवधी लोककला, महाराष्ट्र की वरली, राजस्थान की लघु चित्रकला पर आधारित पेंटिंग अस्थाई गर्भगृह के दीवारों पर बनाई जा रही हैं। पहले दिन गणेश प्रतिमा को आकार दिया गया। जिसमें ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रंग भरा। बताया कि अवध विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं की टीम जुटी हुई है। टीम में माही, प्रिया, चंदन, मानसी, अक्षिता सिंह, अक्कू शुक्ला शामिल है।

कनौसा कांवेंट की सेवानिवृत्त कला शिक्षिका डॉ.राधिका देवी व डॉ.हेमलता शुक्ला के निर्देशन में गर्भगृह को सजाने में बच्चे जुटे हुए हैं। रामजन्मभूमि परिसर सहित पूरे अयोध्या दीपोत्सव में आलोकित होगी।

रामजन्मभूमि में 51 हजार दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए मंदिर परिसर को दिव्यता व भव्यता देने का काम शुरू हो गया है। अस्थायी गर्भगृह में भव्य चित्रकारी की जा रही है, जिसमें भारतीय लोक कलाओं के दर्शन होंगे। दीपोत्सव से पहले पूरे मंदिर परिसर को अलौकिक स्वरूप प्रदान करने की कोशिश है।- चंपत राय, महासचिव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट



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