राष्ट्रीय राजधानी में लोग इन दिनों गर्मी की मार झेल रहे हैं, इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों को बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार के निर्देश पर स्कूलों में गर्मी से जुड़ी बीमारियों को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। इसके लिए स्कूलों ने सुबह 10 बजे के बाद बाहरी गतिविधियों को कम कर दिया है ताकि बच्चे धूप में कम निकलें। साथ ही उनके लिए स्कूल परिसर में आम पन्ना, नींबू पानी, छाछ और वुड एप्पल जैसे हाइड्रेटिंग ड्रिंक उपलब्ध कराए हैं।
द्वारका के आईटीएल इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल सुधा आचार्य ने कहा कि स्कूल ने कैफेटेरिया में कई तरह के हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स का इंतजाम किया है। इन दिनों गर्मी अधिक है, ऐसे में छात्रों का हाइड्रेट रहने की जरूरत है। आचार्य ने आगे कहा कि बच्चों को हमारे टीचर्स ने प्रैक्टिकल क्लास के दौरान कूलिंग ड्रिंक्स भी बनाना सिखाया है।
जानकारी दे दें कि इन दिनों आईएमडी ने शहर में 40.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज होने के बाद येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही सभी लोगों को गर्मी में सावधानी बरतने, गर्मी से बचने, हल्के रंग के कपड़े पहनने और सिर पर गमछा या ओढ़नी, टोपी आदि रखने की सलाह दी है।
जानकारी दे दें कि कुछ दिनों पहले ही शिक्षा विभाग ने एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें स्कूलों को गर्मी से बच्चों को बचाने के उपाय अपनाने को कहा था। आगे एडवाइजरी में कहा था कि दिन का तापमान 40 डिग्र सेल्सियल से अधिक होने पर बच्चों और किशोरों के बीमार होने का खतरा हो सकता है। ऐसे में छात्रों को दोपहर के सभाओं से बचना, पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, छात्रों को पानी पीने के लिए ब्रेक देना, धूप में निकलने पर सिर पर कोई कपड़ा आदि रखना, क्लास में पंखे, कूलर की व्यवस्था करना और गर्मी से कोई बीमारी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य सुविधाओं को देना चाहिए।
जानकारी दे दें कि आईएमडी उस स्थिति को हीटवेव कहता है जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर चला जाए, जबकि पहाड़ी इलाकों में यह पैमाना 30 डिग्री सेल्सियस या तब तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री अधिक रहने पर है।