सरकार की प्राथमिकता में शामिल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण को झटका लगा है। हापुड़ रोड स्थित जाहिदपुर से गाजियाबाद के जैनुद्दीनपुर तक 14 किमी में एक्सप्रेसवे का कार्य किया जाना है। चार महीने गुजर जाने के बाद भी कार्य की रफ्तार नहीं बढ़ सकी। समय के मुताबिक भी कार्यदायी कंपनी एपीएस हाइड्रो ने कार्य नहीं किया। इसी को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कार्य की रफ्तार न बढ़ाने पर टेंडर भी निरस्त करने का अल्टीमेटम दे दिया है। अगले सप्ताह मौसम साफ होने पर एनएचएआई परियोजना निदेशक निरीक्षण भी करेंगे।
14 किमी के पांचवें चरण में 12 गांवों से एक्सप्रेसवे निकाला जाना है। एनएचएआई ने साल 2024 से पहले शुरू करने का दावा किया था, लेकिन अभी तक मिट्टी का समतलीकरण, पेड़ों का कटान, बिजली लाइन शिफ्टिंग का कार्य भी अधूरा है। इस चरण के बन जाने के बाद हापुड़ रोड से सीधे यातायात दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जुड़ जाएगा। इससे शास्त्रीनगर, मवाना रोड, गढ़ रोड आदि क्षेत्रों को एक्सप्रेसवे से दिल्ली जाने का लाभ मिल जाएगा।
चार लेन का मार्ग, 309.77 करोड़ रुपये का टेंडर
चार लेन के मार्ग को बनाने के लिए तीन अप्रैल 2022 को एपीएस हाइड्रो कंपनी को टेंडर फाइनल कर दिया गया था। इस पर सिविल खर्च 309.77 करोड़ रुपये अनुमानित है। 500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च हो चुके हैं। इस चरण में 50 स्ट्रक्चर, दो इंटरचेंज, एक छोटा ब्रिज, एक रेलवे ओवरब्रिज (मेरठ-हापुड़ रेलमार्ग) पर आदि बनाए जाने हैं।
इन गांवों से गुजरना है एक्सप्रेसवे नंगला पातू, खानपुर, चंदसारा, सलेमपुर, ढिकोली, नरहाड़ा, शाकरपुर, हाजीपुर, घोसीपुर, तलहैटा, चुड़ियाला, जैनुद्दीनपुर
खुद करूंगा निरीक्षण कार्य की रफ्तार धीमी है। हमने कंपनी को नोटिस दिया है, जिससे कार्य की रफ्तार बढ़ाई जा सके। मैं खुद अगले सप्ताह तक निरीक्षण करूंगा। जिससे कार्य की रफ्तार बढ़ाई जा सके – अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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सरकार की प्राथमिकता में शामिल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण को झटका लगा है। हापुड़ रोड स्थित जाहिदपुर से गाजियाबाद के जैनुद्दीनपुर तक 14 किमी में एक्सप्रेसवे का कार्य किया जाना है। चार महीने गुजर जाने के बाद भी कार्य की रफ्तार नहीं बढ़ सकी। समय के मुताबिक भी कार्यदायी कंपनी एपीएस हाइड्रो ने कार्य नहीं किया। इसी को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कार्य की रफ्तार न बढ़ाने पर टेंडर भी निरस्त करने का अल्टीमेटम दे दिया है। अगले सप्ताह मौसम साफ होने पर एनएचएआई परियोजना निदेशक निरीक्षण भी करेंगे।
14 किमी के पांचवें चरण में 12 गांवों से एक्सप्रेसवे निकाला जाना है। एनएचएआई ने साल 2024 से पहले शुरू करने का दावा किया था, लेकिन अभी तक मिट्टी का समतलीकरण, पेड़ों का कटान, बिजली लाइन शिफ्टिंग का कार्य भी अधूरा है। इस चरण के बन जाने के बाद हापुड़ रोड से सीधे यातायात दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जुड़ जाएगा। इससे शास्त्रीनगर, मवाना रोड, गढ़ रोड आदि क्षेत्रों को एक्सप्रेसवे से दिल्ली जाने का लाभ मिल जाएगा।