नई दिल्ली: शनिवार को दिल्ली और आसपास के इलाके धुंध की चादर में लिपटे दिख रहे हैं। दिल्ली और आसपास की हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार की सुबह 8 बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 390 था, जो “अत्यंत खराब” श्रेणी में आता है। हालांकि, राजधानी के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। आनंद विहार का एAQ- 435, बुराड़ी क्रॉसिंग का AQI- 415, चांदनी चौक का AQI- 419, गाजीपुर का AQI- 435, जहांगीरपुरी का AQI- 442, आरके पुरम का AQI- 404 और रोहिणी का AQI- 436 पहुंच गया है। गाज़ियाबाद के कई इलाके आज कोहरे की चपेट में हैं, अमरोहा -मुरादाबाद हाइवे पर विजीबिलिटी बेहद कम आंकी गई है।
शनिवार तड़के राजधानी के कई इलाकों में धुंध और हल्की कोहरे के कारण दृश्यता कम हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार, 0-50 ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘अत्यंत खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। CPCB का कहना है कि इनमें से प्रत्येक श्रेणी प्रदूषण के स्तर और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को दर्शाती है।
सर्दी जैसे जैसे बढ़ रही है दिल्ली के कई हिस्सों में खतरनाक स्तर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार का समग्र AQI, जो “अत्यंत खराब” श्रेणी में आता है, जिससे लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने पर स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा पैदा करता है।
दिल्ली हवाई अड्डे ने हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद चेतावनी जारी की की है, अपने X पर एक पोस्ट में दिल्ली हवाई अड्डे ने कहा कि सभी उड़ानें फिलहाल सामान्य रूप से चल रही हैं। चेतावनी में कहा गया है, “दिल्ली हवाई अड्डे पर कम दृश्यता संबंधी प्रक्रियाएं जारी हैं। सभी उड़ानें फिलहाल सामान्य रूप से चल रही हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे उड़ान संबंधी अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।”
बता दें कि शुक्रवार को भी दिल्ली में घना कोहरा छाया रहा और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 386 तक पहुंच गया। गाजीपुर और आनंद विहार जैसे इलाकों में घना कोहरा छाया रहा, जहां दृश्यता बेहद कम रही। पिछले कुछ हफ्तों में स्थिति में मामूली सुधार के बावजूद, राजधानी के बड़े हिस्से अभी भी घने और जहरीले कोहरे की चपेट में हैं। बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग छेड़ दी है।








