गंगोत्री सेवा समिति की ओर से मां गंगा की आरती – फोटो : अमर उजाला
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाले देव दीपावली पर्व काशी का दशाश्वमेध घाट हर-हर गंगे के महाजप से गूंज उठेगा। 108 किलो की मां गंगा की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार 108 किलो फूलों से किया जाएगा। सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी भव्य आरती को देखने के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ेगा।
21 बटुकों संग 42 रिद्धि सिद्धि स्वरूप में कन्याएं मां गंगा की महाआरती उतारेंगी। गंगोत्री सेवा समिति के मनीष दूबे ने बताया कि सात नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के धार्मिक अनुष्ठान का श्रीगणेश मंगलाचरण से होगा। इसके बाद समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे बाबू महाराज के सानिध्य में मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन किया जाएगा।
बाबू महाराज ने 31 साल पहले शुरू की थी गंगा आरती
51 लीटर दूध से मां गंगा का अभिषेक होगा। घाट को फूल और पौधों से सजाया जाएगा। सजावट के लिए कोलकाता से विदेशी फूलों के साथ ही देसी फूल भी मंगवाए जा रहे हैं। काशी में सर्वप्रथम 31 साल पहले बाबू महाराज ने गंगा आरती की शुरूआत की थी।
अब देव दीपावली की आभा से शहर दमकने लगा है। सात नवंबर को देव दीपावली की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। एयरपोर्ट से लेकर गंगा घाट तक, प्रमुख चौराहे, बिजली के पोलों पर तिरंगा स्पाइरल एलईडी लाइटिंग की जा रही है। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के निर्देश पर सभी विभागों के अधिकारी लगे हैं। गंगा घाट जाने वाले रास्तों और गलियों को गड्ढामुक्त किया जा रहा है।
नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने मातहतों को देव दीपावली के पूर्व सजावट का काम पूरा करने को कहा। रविदास गेट से ट्रामा सेंटर मार्ग, भेलूपुर थाना से गिरजाघर चौराहा, घाट को जाने वाली अस्सी गली, भदैनी गली, जैन गली में गड्ढा मुक्ति का कार्य किया गया। गंगा के सभी घाटों, घाटों को जाने वाले मार्गों, गलियों में अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। यहां निरंतर कूड़े का उठान जारी है। यहां के सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों में सफाई की व्यवस्था की गई है।
कचहरी रोड व चौराहा, तेलियाबाग क्रॉसिंग, हुकुलगंज मकबूल आलम रोड, सर्किट हाउस, बड़ा गणेश लोहटिया, लहुराबीर चौराहा, चौरामाता मंदिर मलदहिया, जगतगंज, तिराहा, कलेक्ट्रेट, कचहरी पर स्पाइरल लाइटिंग की गई है। इनके अलावा रविदास घाट, अस्सी घाट, तुलसी घाट, भदैनी घाट, सीता घाट, चेतसिंह घाट, रीवा घाट, हनुमान घाट, से हरिश्चंद्र घाट तक सभी बिजली के खंभों पर लाइटिंग पूरी हो गई है। इन घाटों के सामने की दीवारों पर आकर्षक झालरों से सजावट चल रही है।
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाले देव दीपावली पर्व काशी का दशाश्वमेध घाट हर-हर गंगे के महाजप से गूंज उठेगा। 108 किलो की मां गंगा की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार 108 किलो फूलों से किया जाएगा। सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी भव्य आरती को देखने के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ेगा।
21 बटुकों संग 42 रिद्धि सिद्धि स्वरूप में कन्याएं मां गंगा की महाआरती उतारेंगी। गंगोत्री सेवा समिति के मनीष दूबे ने बताया कि सात नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के धार्मिक अनुष्ठान का श्रीगणेश मंगलाचरण से होगा। इसके बाद समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे बाबू महाराज के सानिध्य में मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन किया जाएगा।
बाबू महाराज ने 31 साल पहले शुरू की थी गंगा आरती
51 लीटर दूध से मां गंगा का अभिषेक होगा। घाट को फूल और पौधों से सजाया जाएगा। सजावट के लिए कोलकाता से विदेशी फूलों के साथ ही देसी फूल भी मंगवाए जा रहे हैं। काशी में सर्वप्रथम 31 साल पहले बाबू महाराज ने गंगा आरती की शुरूआत की थी।