Dhanteras 2022: धनतेरस की तिथि, पूजा मुहूर्त और शुभ योग, इस समय करें पूजा, सुख समृद्धि से भरेंगे भंडार

0
20

[ad_1]

Dhanteras 2022

Dhanteras 2022
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। जोकि इस बार 22 अक्टूबर को है। तो आइए जानते हैं धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त और समय।
धनतेरस यानी धनत्रयोदशी 22 अक्टूबर की संध्या 4 बजकर 33 से आरंभ होगी। इस साल यह पर्व आकाश मण्डल के द्वादश नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी के साये तले मनाया जाएगा। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी ग्रह सूर्य हैं जो बेहद शक्तिशाली ग्रह हैं और ग्रहों के राजा भी हैं जिससे रजस भाव की वृद्धि होगी और लोग जमकर खरीदारी करेंगे। बाजार में इस बार खूब रौनक बनी रहेगी। आपको बता दें कि 22 अक्टूबर को 1 बजकर 49 मिनट से पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा और शाम 5 बजकर 10 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। इसके बाद इंद्रा योग का आरंभ हो जाएगा। होगा। 6 बजकर 3 तक तैतिल करण रहेगा। 6 बजकर 3 से वणिज करण शुरू हो रहा है
उदया तिथि के अनुसार धनत्रयोदशी 23 अक्टूबर 2022 को है पर धन त्रयोदशी का मान 22 अक्टूबर को ही होगा। उत्तरा फाल्गुनी राशि चक्र का बारहवां नक्षत्र है। यह पूर्वाफाल्गुनी का उत्तरार्ध है और नक्षत्र-मंडल सिंह की पूंछ पर स्थित दो स्थिर तारों में विद्यमान है। इस नक्षत्र का विस्तार कन्या के अगले क्षेत्र तक है। कन्या राशि में इन दिनों बुध चल रहे हैं ऐसे में कन्या राशि और बुध दोनों मिलकर विलक्षण परिस्थितियां निर्मित करेंगे। लिहाज़ा इस वर्ष का धनतेरस का पर्व यश, आरोग्य, वैभव और निर्वाण का बोध लेकर आ रहा है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लक्ष्मी-कुबेर का पूजन, जहां आर्थिक स्थिति के लिए मिश्रित परिणाम दायक होगा, वहीं आने वाला वर्ष कई मामलों में पिछले साल से भिन्न प्रतीत होगा।
धनतेरस पूजा का समय और मुहूर्त
धनत्रयोदशी का आरंभ 22 अक्टूबर को 4 बजकर 33 मिनट पर होगा। त्रयोदशी 23 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 4 मिनट तक रहेगी। राहु काल प्रातः 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। अपराह्न 2बजकर 27 से शाम 3 बजकर 58 मिनट तक कुंभ और सायंकाल 7 बजे रात्रि 9  तक वृष लग्न रहेगा।
धनतेरस पर प्रदोष काल या वृष लग्न में कुबेर और लक्ष्मी का पूजन करना उत्तम रहेगा। भगवान धन्वंतरि को हिंदू धर्म में देव वैद्य का पद हासिल है। अतएव, अच्छी सेहत के लिए धन्वन्तरि पूजन अमृत चौघड़िया, लाभ चौघड़िया, वृष लग्न में करना चाहिए। ऐसे में 5 बजे से 7  रात्रि 9 तक का समय धनतेरस पूजन के लिए उत्तम रहेगा।एवं उदया तिथि कालीन 23 अक्टूबर को भी सायंकाल 5 बजे तक धन्वन्तरी और कुबेर पूजन होगा। ततपश्चात मेष लग्न मैं हनुमत महोत्सव भी मनाया जाएगा,

यह भी पढ़ें -  UP Board Exam 2022: यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे छात्र इस तरह करें गणित की तैयारी, मिलेंगे बढ़िया अंक

सूर्यास्त के समय अकाल मृत्यु और संकटों के निवारणार्थ घर के मुख्य द्वार के बाहर की ओर 4 बातियों का दीप दान करना चाहिए। सरसों के दीपक का प्रज्जवलन उत्तम माना जाता है। रात में इस दिन उत्तम सेहत के लिए भगवान धन्वन्तरि तथा समृद्धि के लिए कुबेर के साथ लक्ष्मी गणेश का पूजन करके भगवती लक्ष्मी को नैवेद्य में धनिया, गुड़ व धान का लावा ज़रूर अर्पित करना चाहिए। और देवी लक्ष्मी गणेश तथा कुबेर महाराज की आरती करनी चाहिए।

विस्तार

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। जोकि इस बार 22 अक्टूबर को है। तो आइए जानते हैं धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त और समय।

धनतेरस यानी धनत्रयोदशी 22 अक्टूबर की संध्या 4 बजकर 33 से आरंभ होगी। इस साल यह पर्व आकाश मण्डल के द्वादश नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी के साये तले मनाया जाएगा। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी ग्रह सूर्य हैं जो बेहद शक्तिशाली ग्रह हैं और ग्रहों के राजा भी हैं जिससे रजस भाव की वृद्धि होगी और लोग जमकर खरीदारी करेंगे। बाजार में इस बार खूब रौनक बनी रहेगी। आपको बता दें कि 22 अक्टूबर को 1 बजकर 49 मिनट से पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा और शाम 5 बजकर 10 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। इसके बाद इंद्रा योग का आरंभ हो जाएगा। होगा। 6 बजकर 3 तक तैतिल करण रहेगा। 6 बजकर 3 से वणिज करण शुरू हो रहा है



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here