धनतेरस के साथ ही पंच दीपोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। धनतेरस का मान दो दिन होने के कारण बाजार भी तैयार है। वहीं धनतेरस से पहले पुष्य नक्षत्र का संयोग बेहद खास योग का निर्माण कर रहा है। खरीददारी और शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम योग होने के साथ ही सिद्ध और साध्य योग का निर्माण हो रहा है। काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि धनतेरस और दीपावली के पहले 18 अक्तूबर को पुष्य नक्षत्र निर्मित हो रहा है।
कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि पर पुष्य नक्षत्र की शुरुआत सुबह 5:14 बजे से होगी और अगले दिन 19 अक्तूबर को 8:02 बजे तक योग रहेगा। वहीं 18 अक्तूबर की शाम को सिद्ध और साध्य योग भी निर्मित हो रहा है। ऐसे में पुष्य नक्षत्र के साथ-साथ दिनभर सिद्ध योग और साध्य योग में खरीददारी हर किसी के लिए शुभ फलदायी होगी।
पुष्य, सिद्ध और साध्य योग में सोना-चांदी, भूमि, भवन, वाहन की खरीददारी करने से शुभता आएगी। सूर्य कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे और सूर्य संक्रांति का निर्माण इस योग को और भी शुभ कारक बना रहा है।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि धनत्रयोदशी का मान दो दिन का है। 22 अक्तूबर की शाम को 6:02 त्रयोदशी की शुरुआत होगी और समापन 23 अक्तूबर को शाम 6:03 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार 23 अक्तूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। 27 साल के बाद धनतेरस का मान दो दिन तक रहेगा।
खरीदारी करने के लिए शाम को 4:33 से लेकर के 5:06 मिनट बेहतर रहेगा। इसमें मीन लग्न है और मीन का स्वामी गुरु स्वराशि हैं। इसके कारण से जीवन में उन्नति होगी। 23 अक्तूबर को प्रदोष व्रत के साथ ही शनि भी मार्गी हो रहे हैं।
काशी में धनतेरस पर माता अन्नपूर्णा और भगवान धनवंतरि के दर्शन पूजन का विधान है। माता अन्नपूर्णा के दरबार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस बार धनतेरस 23 अक्तूबर को मनाया जाएगा।