Earthquake Alert: भारत के इन राज्यों में कभी भी दरक सकती है धरती, IIT कानपुर की रिसर्च में बड़ा दावा

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– फोटो : अमर उजाला

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नेपाल में शनिवार रात एक बार फिर भूकंप के झटके भारत में भी महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप का असर देखने को मिला। इससे पहले मंगलवार-बुधवार की रात में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके को लेकर आईआईटी कानपुर की रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अनुसार, भारत के हिमालयन राज्यों में कभी भी भयावह भूकंप आ सकता है। यह भूकंप 1505 और 1803 में आए भूकंप जैसा हो सकता है। 

आइए जानते हैं कि आईआईटी की रिसर्च में क्या-क्या मालूम चला है? कौन से वो दो राज्य हैं, जहां भूकंप का केंद्र हो सकता है? नेपाल में आए भूकंप की क्या वजह है? आइए जानते हैं… 
 
पहले जानिए नेपाल में आए भूकंप की क्या वजह है? 
इसे समझने के लिए हमने आईआईटी कानपुर सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर प्रोफेसर और जियोसाइंस इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ प्रो. जावेद एन मलिक से बात की। उन्होंने कहा, ‘2015 में भी नेपाल में 7.8 से 8.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके आए थे। तब आठ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। उस वक्त भूकंप का केंद्र पूर्वी नेपाल था। यही कारण है कि भारत पर इसका असर नहीं पड़ा था। हालांकि, हिमालय रेंज में टेक्टोनिक प्लेट अस्थिर हो गई है। इसके चलते अब लंबे समय तक इस तरह के भूकंप आते रहेंगे। इस बार आए भूकंप का भी यह एक बड़ा कारण है।’
 
IIT-K की रिसर्च में क्या सामने आया? 
प्रो. जावेद मलिक ने बताया कि वह और उनकी टीम लंबे समय से भूकंप को लेकर अध्ययन कर रही है। इसमें भारत के लिए एक तरह की चिंताजनक स्थिति बन रही है। अगर लोग सोच रहे हैं कि भारत में नेपाल की तरह बड़े भूकंप नहीं आएंगे तो वह गलत हैं। 

प्रो. मलिक के अनुसार, ‘इस बार नेपाल में आए भूकंप का केंद्र पश्चिमी नेपाल है, जो भारत से बिल्कुल सटा हुआ है। यही कारण है कि इस बार नेपाल के भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर तक देखने को मिला।’ प्रो. मलिक ने तीन बिंदुओं में बताया कि उनके अध्ययन में क्या बातें सामने आई हैं? 

 
1. भारत के हिमालयन रेंज में बड़े भूकंप की आशंका: हिमालयन रेंज यानी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बड़ा भूकंप आ सकता है। इसकी तीव्रता 7.8 से 8.5 के बीच रह सकती है। यह बड़ा खतरा है। इससे हम मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। 

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2. भूकंप के समय में प्रवेश कर चुका है भारत: अब सवाल उठता है कि भारत में कब तक इस तरह का भूकंप आ सकता है? इसका जवाब देते हुए प्रो. मलिक ने बताया, ‘हम लोग (भारत) भूकंप की साइकिल जोन में पहले से ही प्रवेश कर चुके हैं। मतलब हम लोग उस टाइमलाइन में दाखिल हो चुके हैं, जब कभी भी किसी भी वक्त उत्तराखंड और हिमाचल में भयावह भूकंप के झटके आ सकते हैं। हिमालय भी इस ओर इशारा कर रहा है। हिमालय अभी पूरी तरह से शांत बैठा है। ये तूफान के आने से पहले वाली शांति है।  

 
3. उत्तराखंड-हिमालय में आए भूकंप का असर पूरे उत्तर भारत में दिखेगा: प्रो. मलिक कहते हैं, जब भी उत्तराखंड या हिमाचल में भूकंप के झटके आएंगे, तब उसका असर पूरे उत्तर भारत में देखने को मिलेगा। फिर समतल जगह ही क्यों न हो। वहां भी गंभीर असर होगा। उत्तराखंड में खासतौर पर गढ़वाल और कुमायूं वाले इलाके ज्यादा रेड जोन में हैं। ये इलाके भूकंप के केंद्र हो सकते हैं। 

 
दो बार उत्तराखंड में आ चुका है भयावह भूकंप
प्रो. मलिक ने पुराने भूकंप के झटकों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, 1505 और 1803 में उत्तराखंड में तीव्र भूकंप आ चुका है। 1505 में आए भूकंप का उल्लेख अकबरनामा और बाबरनामा में भी है। उस दौरान काफी नुकसान हुआ था। इसी तरह 1803 में भी तीव्र भूकंप आया था। जिसका असर दिल्ली एनसीआर, मथुरा तक देखने को मिला था। उस दौरान भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था।

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नेपाल में शनिवार रात एक बार फिर भूकंप के झटके भारत में भी महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप का असर देखने को मिला। इससे पहले मंगलवार-बुधवार की रात में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके को लेकर आईआईटी कानपुर की रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अनुसार, भारत के हिमालयन राज्यों में कभी भी भयावह भूकंप आ सकता है। यह भूकंप 1505 और 1803 में आए भूकंप जैसा हो सकता है। 

आइए जानते हैं कि आईआईटी की रिसर्च में क्या-क्या मालूम चला है? कौन से वो दो राज्य हैं, जहां भूकंप का केंद्र हो सकता है? नेपाल में आए भूकंप की क्या वजह है? आइए जानते हैं… 

 



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