कानपुर। केस्को और कानपुर जोन के बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं ने बिजलीघर गेट से फूलबाग गांधी प्रतिमा तक बाइक रैली निकालकर निजीकरण का विरोध किया। निजीकरण से होने वाले नुकसान भी बताये। हटाये गए संविदा कर्मियों को बहाल किये जाने और कर्मचारियों के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाने के आदेश को वापस लिए जाने की मांग की।
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण की दृष्टि से बड़े पैमाने पर सभी विद्युत वितरण निगमों से संविदा कर्मियों को हटाए जाने का आदेश तत्काल वापस लिया जाए। एक मई से बिजली कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन के अगले चरण में दो मई से सात दिन तक लखनऊ स्थित शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन किया जाएगा। पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति के साथ 5 अप्रैल 2018 और 6 अक्टूबर 2020 को दो समझौते हुए हैं, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि बिजली कर्मियों को विश्वास में लिए बिना ऊर्जा क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। 42 जनपदों के विद्युत वितरण का किया जा रहा निजीकरण इन दोनों समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है।