Etah: गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान गंगा में डूबे तीन श्रद्धालु, दो के शव बरामद, तीसरे की तलाश

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एटा के जलेसर कस्बा के   मोहल्ला ठगेलान निवासी एक युवक और दो किशोर शुक्रवार की देरशाम गणेश मूर्ति विसर्जन करने के दौरान गंगा नदी कछला घाट पर डूब गए। इनमें से दो के शव निकाल लिए गए लेकिन एक अभी भी लापता है। इसकी तलाश की जा रही है। 

नगर क्षेत्र के मोहल्ला गोलाकुंआ में गणेश मूर्ति की स्थापना की गई थी, यहां से शुक्रवार को सैकड़ों लोगों के साथ मोहल्ला ठगेलान निवासी 20 वर्षीय सोनू, 16 वर्षीय विकास और 15 वर्षीय उपदेश उर्फ खलीफा भी गए थे। मूर्ति विसर्जन के दौरान तीनों ही गंगा नदी में बह कर डूब गए। सोनू और विकास के शवों को निकाल लिया गया, जबकि उपदेश की तलाश अभी भी जारी है। शनिवार को दोनों के शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। भारी भीड़ जुट गई और परिजन को रो-रोकर बुरा हाल है। इधर एक किशोर नहीं मिलने से ग्रामीण नदी के किनारे ही गोदाखोरों के साथ रुके हुए हैं। 

मृतक विकास के पिता मुकेश कुमार का कहना है कि मोहल्ले से करीब 100 लोग मूर्ति विसर्जन के लिए अलग-अलग वाहनों से थे। कुछ लोग गंगा स्नान कर रहे थे तभी सोनू, उपदेश और बेटा विकास नदी में डूब गया। काफी चीख पुकार मच गई, लेकिन कोई गोताखोर नहीं होने की वजह से काफी देर हो गई। इसके बाद तलाश की जाती रही तब पुत्र विकास और सोनू के शव मिल सके। जबकि खलीफा की तलाश में गोताखोर लगे हुए हैं। नदी पर मोहल्ला के भी कुछ लोग रुके हुए हैं। 

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विस्तार

एटा के जलेसर कस्बा के   मोहल्ला ठगेलान निवासी एक युवक और दो किशोर शुक्रवार की देरशाम गणेश मूर्ति विसर्जन करने के दौरान गंगा नदी कछला घाट पर डूब गए। इनमें से दो के शव निकाल लिए गए लेकिन एक अभी भी लापता है। इसकी तलाश की जा रही है। 

नगर क्षेत्र के मोहल्ला गोलाकुंआ में गणेश मूर्ति की स्थापना की गई थी, यहां से शुक्रवार को सैकड़ों लोगों के साथ मोहल्ला ठगेलान निवासी 20 वर्षीय सोनू, 16 वर्षीय विकास और 15 वर्षीय उपदेश उर्फ खलीफा भी गए थे। मूर्ति विसर्जन के दौरान तीनों ही गंगा नदी में बह कर डूब गए। सोनू और विकास के शवों को निकाल लिया गया, जबकि उपदेश की तलाश अभी भी जारी है। शनिवार को दोनों के शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। भारी भीड़ जुट गई और परिजन को रो-रोकर बुरा हाल है। इधर एक किशोर नहीं मिलने से ग्रामीण नदी के किनारे ही गोदाखोरों के साथ रुके हुए हैं। 

मृतक विकास के पिता मुकेश कुमार का कहना है कि मोहल्ले से करीब 100 लोग मूर्ति विसर्जन के लिए अलग-अलग वाहनों से थे। कुछ लोग गंगा स्नान कर रहे थे तभी सोनू, उपदेश और बेटा विकास नदी में डूब गया। काफी चीख पुकार मच गई, लेकिन कोई गोताखोर नहीं होने की वजह से काफी देर हो गई। इसके बाद तलाश की जाती रही तब पुत्र विकास और सोनू के शव मिल सके। जबकि खलीफा की तलाश में गोताखोर लगे हुए हैं। नदी पर मोहल्ला के भी कुछ लोग रुके हुए हैं। 

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