Etah: सपा नेताओं को देनी होगी 2.20 करोड़ क्षतिपूर्ति, जमीन पर कब्जे के मामले में अपील खारिज

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एटा में सपा नेता पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव ने रोडवेज बस स्टैंड के सामने एक पेट्रोल पंप की जमीन पर कब्जा कर लिया। इस जमीन पर अपना मालिकाना हक जताने लगे। इसका विवाद कई साल तक अदालत में चला। पेट्रोलियम कंपनी के पक्ष में आए सिविल जज के आदेश के खिलाफ सपा नेताओं ने अपील की। जिला न्यायालय में उनकी अपील खारिज कर दी गई। पेट्रोलियम कंपनी की करीब 2.20 करोड़ रुपये मुआवजे (क्षतिपूर्ति) की मांग को स्वीकृत किया गया है।

भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के एक अधिकारी ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) न्यायालय में वाद दायर किया था। बताया कि रोडवेज बस स्टैंड के सामने शंकरलाल ने अपनी जमीन का पट्टा 1992 में 30 साल के लिए कंपनी को किया था। इसमें कंपनी का पेट्रोल पंप चलता था। पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव की पत्नी राममूर्ति के नाम 1992 में ही एक बैनामा दिखाकर इस जमीन पर 2004 में कब्जा कर लिया गया। अदालत में चली सुनवाई के दौरान राममूर्ति पक्ष अपने हक में पर्याप्त सबूत प्रस्तुत नहीं कर सके। 

सपा नेताओं की अपील खारिज 

जिस पर पेट्रोलियम कंपनी का दावा सही मानते हुए जमीन का कब्जा उन्हें दिलाने का आदेश न्यायालय ने 27 फरवरी 2020 को दिया। इसमें पेट्रोलियम कंपनी ने 2013 से नुकसान के मुआवजे के तौर पर 22 लाख रुपये प्रति साल और सात प्रतिशत ब्याज भी मांगा, जिसे न्यायालय ने स्वीकृत किया। इस आदेश के खिलाफ सपा नेता ने जिला जज न्यायालय में अपील दायर की। पूरी सुनवाई के बाद बुधवार को जिला जज संदीप जैन ने आदेश जारी करते हुए सपा नेताओं की अपील को खारिज करते हुए 27 फरवरी 2020 के आदेश को सही ठहराया।

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कब्जा मिलने तक जारी रहेगी क्षतिपूर्ति

कंपनी के अधिकारियों ने 22 लाख रुपये प्रति वर्ष की क्षतिपूर्ति मांगी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया। यह क्षतिपूर्ति कंपनी को इस जमीन का कब्जा मिलने तक जारी रहेगी। 2013 से अब तक 10 साल हो चुके हैं। इस तरह बिना ब्याज के ही 2.20 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की राशि बन रही है। 

विस्तार

एटा में सपा नेता पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव ने रोडवेज बस स्टैंड के सामने एक पेट्रोल पंप की जमीन पर कब्जा कर लिया। इस जमीन पर अपना मालिकाना हक जताने लगे। इसका विवाद कई साल तक अदालत में चला। पेट्रोलियम कंपनी के पक्ष में आए सिविल जज के आदेश के खिलाफ सपा नेताओं ने अपील की। जिला न्यायालय में उनकी अपील खारिज कर दी गई। पेट्रोलियम कंपनी की करीब 2.20 करोड़ रुपये मुआवजे (क्षतिपूर्ति) की मांग को स्वीकृत किया गया है।

भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के एक अधिकारी ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) न्यायालय में वाद दायर किया था। बताया कि रोडवेज बस स्टैंड के सामने शंकरलाल ने अपनी जमीन का पट्टा 1992 में 30 साल के लिए कंपनी को किया था। इसमें कंपनी का पेट्रोल पंप चलता था। पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव की पत्नी राममूर्ति के नाम 1992 में ही एक बैनामा दिखाकर इस जमीन पर 2004 में कब्जा कर लिया गया। अदालत में चली सुनवाई के दौरान राममूर्ति पक्ष अपने हक में पर्याप्त सबूत प्रस्तुत नहीं कर सके। 

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