Etah: सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव पर एक और मुकदमा दर्ज, 35 लाख की विधायक निधि के गबन का आरोप

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एटा के अलीगंज के पूर्व विधायक सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव अब विधायक निधि के गबन के मामले में फंस गए हैं। विधायक रहते हुए भाई के विद्यालय के नाम 35 लाख रुपये की निधि जारी कर गबन करने के आरोप में रामेश्वर सिंह के खिलाफ थाना जसरथपुर में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसमें उनके भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख रामनाथ सिंह यादव को भी नामजद किया गया है।

मामला 1999 से 2004 के बीच का बताया गया है। इसकी रिपोर्ट एक शिकायत के आधार पर अब डीआरडीए के अवर अभियंता प्रमोद कुमार पचौरी ने दर्ज कराई है। रिपोर्ट के मुताबिक विधायक रहते हुए रामेश्वर सिंह यादव ने अमृतपुर रघूपुर स्थित श्री लालाराम स्मृति आदर्श विद्यालय के भवन निर्माण के लिए 35.50 लाख की विधायक निधि दी। 

इस विद्यालय के प्रबंधक उनके भाई रामनाथ सिंह थे। आरोप है कि इस धनराशि को पूर्व विधायक और उनके भाई ने मिलकर गबन कर लिया। सीओ राजकुमार सिंह ने बताया कि जो तहरीर मिली, उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

फंस सकते हैं कई अफसर

अभी भले ही गबन का मामला पूर्व विधायक और उनके भाई पर दर्ज कराया गया है। लेकिन जांच के दौरान इसमें कई पूर्व अफसर फंस सकते हैं। दरअसल, विधायक निधि निकाले जाने से लेकर इसके प्रयोग पर कई अधिकारी  नजर रखते हैं। यदि गबन हुआ तो तत्कालीन अधिकारियों की भी जवाबदेही बनती है।

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विस्तार

एटा के अलीगंज के पूर्व विधायक सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव अब विधायक निधि के गबन के मामले में फंस गए हैं। विधायक रहते हुए भाई के विद्यालय के नाम 35 लाख रुपये की निधि जारी कर गबन करने के आरोप में रामेश्वर सिंह के खिलाफ थाना जसरथपुर में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसमें उनके भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख रामनाथ सिंह यादव को भी नामजद किया गया है।

मामला 1999 से 2004 के बीच का बताया गया है। इसकी रिपोर्ट एक शिकायत के आधार पर अब डीआरडीए के अवर अभियंता प्रमोद कुमार पचौरी ने दर्ज कराई है। रिपोर्ट के मुताबिक विधायक रहते हुए रामेश्वर सिंह यादव ने अमृतपुर रघूपुर स्थित श्री लालाराम स्मृति आदर्श विद्यालय के भवन निर्माण के लिए 35.50 लाख की विधायक निधि दी। 

इस विद्यालय के प्रबंधक उनके भाई रामनाथ सिंह थे। आरोप है कि इस धनराशि को पूर्व विधायक और उनके भाई ने मिलकर गबन कर लिया। सीओ राजकुमार सिंह ने बताया कि जो तहरीर मिली, उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

फंस सकते हैं कई अफसर

अभी भले ही गबन का मामला पूर्व विधायक और उनके भाई पर दर्ज कराया गया है। लेकिन जांच के दौरान इसमें कई पूर्व अफसर फंस सकते हैं। दरअसल, विधायक निधि निकाले जाने से लेकर इसके प्रयोग पर कई अधिकारी  नजर रखते हैं। यदि गबन हुआ तो तत्कालीन अधिकारियों की भी जवाबदेही बनती है।

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