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मोक्षधाम में रखीं अस्थियां
– फोटो : अमर उजाला
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एटा में कोरोना ने कई लोगों की जिंदगी छीनी तो अपने कंधा तक न दे सके। प्रशासन ने लावारिश की तरह शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन कोरोना काल खत्म होने के बाद भी तमाम लोग अपनों को भूल गए। करीब 150 मृतकों की अस्थियां मोक्ष धाम में अपनों के इंतजार में रखी हुई हैं। जो आज तक मुक्ति को तरस रहे हैं।
उस दौर में कई लोगों की मौत कोरोना से हुई और उनके नाम सरकारी आंकड़ों में दर्ज हैं, लेकिन कई बदनसीब ऐसे भी थे जो सरकारी कागजों में भी दर्ज नहीं हो सके। संदिग्ध कोरोना मरीज के रूप में उनका अंतिम संस्कार सरकारी प्रोटोकॉल की तरह किया गया, जिसमें परिजनों को शामिल होने की इजाजत नहीं थी। शवदाह के बाद उनकी अस्थियां मोक्षधाम में सुरक्षित रखवा दी गईं। इनमें से कुछ के परिजन अस्थियों को ले गए, तो 150 शवों की अस्थियां आज तक रखी हुई हैं।
1500 अज्ञात शवों की अस्थियां हुईं एकत्रित
कोरोना के अलावा बड़ी संख्या में अज्ञात शवों की अस्थियां भी मोक्ष धाम में एकत्रित हो गई हैं। मोक्ष धाम पर व्यवस्थाएं करने वाली संस्कार मानव सेवा समिति के अध्यक्ष अमित चौहान ने बताया कि समिति अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार धार्मिक रीति से कराती है। इसके बाद सम्मानजनक ढंग से अस्थियों को सुरक्षित कर लिया जाता है। इन्हें एकत्रित कर एक उत्सव के तरह विसर्जन के लिए गंगा घाट ले जाते हैं।
अगले वर्ष सोरों में किया जाएगा विसर्जन
संस्कार मानव सेवा समिति की ओर से अगले वर्ष इन सभी अस्थियों का विसर्जन सोरों गंगा घाट में किया जाएगा। समिति अध्यक्ष ने बताया कि इस साल तैयारी की जा रही थी। लेकिन कुछ समस्याओं के चलते कार्यक्रम टल गया। अगले साल बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
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