बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बन जाने के बाद भी हिंसा और प्रदर्शन का दौर जारी है। हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हुए हमले की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने कड़ी निंदा की है। इसके बावजूद देश में हिंसा की खबरें मिल रही हैं। ढाका ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने गोपालगंज इलाके में सेना पर हमला कर दिया जिसमें पांच से ज्यादा सैन्यकर्मी घायल हो गए हैं। शनिवार को सेना के जवानों और अवामी लीग के समर्थकों के बीच हुई तीखी झड़प के बाद भीड़ ने सेना के एक वाहन को आग लगा दी। इस घटना में सेना के जवानों, पत्रकारों और स्थानीय लोगों सहित करीब 15 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में दो को गोली लगी है। घटना शनिवार शाम करीब 4 बजे सदर उपजिला के गोपीनाथपुर बस स्टैंड पर हुई।
पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना की देश में वापसी की मांग करते हुए, हजारों अवामी लीग के नेता, कार्यकर्ता और स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर राजमार्ग को अवरुद्ध करने के लिए एकत्र हुए थे। सेना के जवानों ने इसे लेकर हस्तक्षेप किया और प्रदर्शनकारियों को सड़क खाली करने का निर्देश दिया लेकिन भीड़ ने उन पर ईंटें फेंकना शुरू कर दिया। बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सेना के जवानों ने लाठियां भांजी, इसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने सेना के वाहन में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया।
गोपालगंज कैंप के लेफ्टिनेंट कर्नल मकसुदुर रहमान ने घटना की पुष्टि की और कहा कि करीब 3,000 से 4,000 लोगों ने इकट्ठा होकर सड़क को जाम कर दिया था। उपद्रवियों के इस हमले में सेना के चार जवान घायल हो गये हैं। गोपीनाथपुर संघ के पूर्व अध्यक्ष लच्छू शरीफ ने कहा कि सेना के सदस्यों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गोलीबारी की थी। इसके बाद “एक बच्चे सहित दो लोगों को गोली मार दी गई। घटना में किसी की मौत नहीं हुई है। शनिवार की शाम 6 बजे के आसपास इलाके में स्थिति शांत हुई।