देश में हर साल मिलते हैं कैंसर के 15 लाख नए मरीज

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लखनऊ : हर साल कैंसर के करीब 15 लाख नए मरीज मिलते हैं। इनमें से 9 लाख की मौत हो जाती है। इसके पीछे बड़ी वजह इलाज के लायक संसाधन नहीं जुटा पाना भी है। यह कहना है एम्स ऋषिकेश के डॉ. एमके गुप्ता का। वह सोमवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।

रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग का 38वां स्थापना दिवस मनाया गया। डॉ. एमके गुप्ता ने कहा कि हालत यह है कि बरेली से कैंसर के मरीज को कई जनपद पार करके इलाज के लिए लखनऊ पहुंचना पड़ता है। इसका समाधान राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के पास है। आयोग हर मेडिकल कॉलेज में रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग को अनिवार्य कर सकता है। इससे हर जनपद में कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

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समारोह में मुख्य अतिथि मौजूद केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद बताया कि रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग में जल्द ही लीनियर एक्सीलरेटर मशीन लगेगी। इससे वेंटिंग वाले कैंसर के मरीजों को काफी राहत राहत मिल सकेगी। विशिष्टि अतिथि एसजीपीजीआई के डीन डॉ. शालीन कुमार ने विभाग से जुड़ी अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने कहा कि छात्रों को उन्नत शिक्षा के साथ मधुर व्यवहार भी सीखना चाहिए, क्योंकि अच्छे व्यवहार से ही मरीज की ज्यादातर समस्या को काफी आराम मिल जाता है। मरीज दुखी अवस्था में आता है। ऐसे में उससे अच्छे से बात करने से ही उसे बहुत अच्छा लगने लगता है विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की। समारोह में संदीप मिश्रा, प्रियंका शर्मा, प्रियंका गौतम, एकता मौर्या, अवधेश कुमार यादव, अमित कुमार, शीबा फातिमा को पुरस्कृत किया गया।

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