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टिकट बनाती महिला परिचालक प्रतीकात्मक
– फोटो : अमर उजाला
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अब रोडवेज में तैनात महिला परिचालकों को गर्भावस्था के दौरान फील्ड में काम करने की जरूरत नहीं है। इस दौरान वह कार्यालय में लिपिकीय कार्य करने के लिए आवेदन कर सकती हैं। परिवहन निगम ने एक मई को सभी जिला मुख्यालयों को यह आदेश पारित किया है। अलीगढ़ परिक्षेत्र की करीब 32 महिला परिचालकों इसका लाभ मिलेगा।
अब महिला परिचालकों को गर्भावस्था में परिचालक की ड्यूटी नहीं करनी पड़ेगी। परिवहन निगम की ओर से सभी जिला मुख्यालयों को ये आदेश दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान किसी भी महिला परिचालक की तैनाती बस पर नहीं की जाएगी। इसकी जगह उन्हें नौ माह तक कार्यालय में लिपिकीय कार्य के लिए रखा जाए। जिससे उन्हें इस अवस्था में परेशानी का सामना न करना पड़े। पूरी सेवाकाल में महिला परिचालक इस सुविधा का दो बार लाभ ले सकती हैं। इस व्यवस्था के तहत वह जब भी गर्भावस्था से वापस आएंगी, तो उन्हें फिर से परिचालक की कमान संभालनी पड़ेगी।
रीजन में 32 महिला परिचालकों को मिलेगा लाभ
अलीगढ़ परिक्षेत्र में अलीगढ़, बुद्ध विहार, अतरौली, नरौरा, एटा, कासगंज और हाथरस मिलाकर कुल सात डिपो हैं। इस परिक्षेत्र में करीब 42 महिलाएं कार्यरत हैं, जिसमें 32 महिलाएं परिचालक हैं। अन्य 10 महिलाएं पहले से ही बाबू हैं। आदेश आने के बाद दो महिला परिचालकों ने इसके लिए आवेदन भी कर दिया है।
काफी समय से उठ रही थी मांग
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंडल अध्यक्ष मुनेंद्र पाल सिंह ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिला परिचालकों को कार्यालय में तैनाती को लेकर कई वर्षों से संघर्ष किया जा रहा था। 18 अप्रैल को बोर्ड की मीटिंग में यह प्रस्ताव पास हो गया। इससे रीजन की महिला परिचालकों में खुशी की लहर है।
बोले अधिकारी
महिला परिचालकों को अब गर्भावस्था के दौरान फील्ड में जाने की जरूरत नहीं है। नौ माह तक उनकी कार्यालय में तैनाती की जाएगी। -सत्येंद्र कुमार वर्मा, आरएम, रोडवेज
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