Exclusive: अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर के पास है गैस बॉटलिंग प्लांट, ज्वलनशील गतिविधियों को लेकर हैं प्रतिबंध

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इंडेन गैस बॉटलिंग प्लांट

इंडेन गैस बॉटलिंग प्लांट
– फोटो : साेशल मीडिया

विस्तार

डिफेंस कॉरिडोर के जिस अलीगढ़ नोड से आयुध और रक्षा उत्पाद तैयार किए जाने की तैयारी है। उस कॉरिडोर के सहारे आईओसीएल का बॉटलिंग प्लांट पहले से संचालित है। यह बात यूपीडा को कॉरिडोर विकसित होने के डेढ़ वर्ष बाद याद आई है। पिछले वर्ष के अंतिम दौर में यूपीडा की ओर से निवेशकों को इसे लेकर एक पत्र मिला है, जिससे निवेशक हैरान हैं। 

पत्र के जरिये उन्हें याद दिलाया गया कि कॉरिडोर गैस बॉटलिंग प्लांट से सटा हुआ है। ज्वलनशील गतिविधियों को लेकर आवंटी/निवेशक बॉटलिंग प्लांट के प्रतिबंधों का ध्यान रखें। डिफेंस कॉरिडोर की समीक्षा संबंधी जनवरी-फरवरी की उद्योग बंधू की बैठक में निवेशकों की ओर से यह मुद्दा जोर शोर से उठाया गया। जिसमें कहा गया कि आपके स्तर से कॉरिडोर में जल्द से जल्द यूनिट शुरू कर उत्पादन शुरू करने का जोर दिया जा रहा है। 

वहीं यूपीडा के स्तर से यह पत्र भेजा गया है। वह भी तब यह बात याद दिलाई जा रही है, कॉरिडोर विकसित हो चुका है। अब इसमें यूनिटों की स्थापना और उत्पादन का काम शेष है। एक-दो यूनिट 2024 तक उत्पादन शुरू करने की तैयारी में हैं। इस पर डीएम व उद्योग केंद्र के संयुक्त आयुक्त की ओर से सभी निवेशकों को संतुष्ट किया गया और कहा कि उनकी एनओसी में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। आप लोग अपना काम शुरू करें। साथ में संयुक्त आयुक्त की ओर से बैठक की कार्यवृत में मुद्दा शामिल कर यूपीडा व सभी निवेशकों को पत्र लिखा है।

डीएम की संस्तुति पर केंद्र देगा आयुध संबंधी एनओसी

डिफेंस कॉरिडोर में रक्षा उत्पाद व आयुध उत्पादों का निर्माण होगा। जिसकी एनओसी डीएम की संस्तुति पर केंद्र के स्तर से दी जाएगी। इसके लिए डीएम द्वारा निवेशकों के आवेदन पर संस्तुति रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी जाएगी।

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यहां तो लोग बीड़ी भी पीते हैं, नहीं आया जवाब

डिफेंस कॉरिडोर के निवेशक इंडियन डाईकास्टिंग के स्वामी अंशुमान अग्रवाल ने स्वीकारा कि उन्हें यूपीडा की ओर से पत्र मिला था। जिस पर उन्होंने वापस एक पत्र लिखा है। जिसका जवाब नहीं आया। अंशुमान अग्रवाल की ओर से लिखा गया है कि आपके पत्र के अनुसार ज्वलनीशल पदार्थ का अभिप्राय स्पष्ट नहीं है। क्योंकि किसी भी उद्योग में आग के बिना काम संभव नहीं है। 

यहां तो ग्राइंडर, ड्रिल मशीन, भट्ठी, गैस व इलेक्ट्रिक वैल्डिंग सभी में आग या चिंगारी होती है। आईओसीएल के सामने व आसपास लोग बीड़ी पीकर घूमते रहते हैं। यह भी उच्च जोखिम स्रोत है। वहां आवासीय इलाके में आग का प्रयोग होता है। जानकारी के अभाव के कारण आपके पत्र से निवेशक अनिश्चितता में हैं। कृपया प्रतिबंधित व अप्रतिबंधित औद्योगिक कार्यों का विवरण उपलब्ध कराएं। अंशुमान का कहना है कि इस पत्र का आज तक जवाब नहीं आया है।

यूपीडा द्वारा पिछले वर्ष इस तरह का पत्र निवेशकों को दिया गया था। उनके द्वारा उद्योग बंधू में यह विषय उठाया गया। सभी को हमारे व डीएम स्तर से संतुष्ट किया गया है। उनको किसी तरह की दिक्कत या एनओसी में परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इस संबंध में एक पत्र निवेशकों व यूपीडा को भी लिखा गया है। प्रयास है कि जल्द वहां निवेशक अपनी यूनिटें स्थापित करें। -बीरेंद्र कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग

यह प्रकरण उद्योग बंधू की बैठक में संज्ञान में आया है। उद्यमियों को भरोसा दिया गया है कि प्रशासन उनके साथ है आप अपना काम जारी रखें। इसके लिए शासन स्तर से भी व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर समस्या का समाधान कराया जाएगा। -इंद्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी

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