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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से डिग्री पाना आसान नहीं है। विश्वविद्यालय से डिग्री छात्र के घर भेजी जा रहीं हैं, लेकिन वह पहुंच नहीं रही है। विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में इसे डिस्पैच दिखाया जा रहा है। डिग्री के लिए परेशान छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
विश्वविद्यालय में करीब पांच हजार से अधिक डिग्री लंबित हैं। ऑनलाइन आवेदन करने पर भी समय से डिग्री नहीं पहुंच रहीं। इनमें ऐसे भी छात्र-छात्राएं हैं, जिनको डिग्री विश्वविद्यालय से डिस्पैच कर दी, लेकिन घर नहीं पहुंची। महीने में 10-12 मामले विश्वविद्यालय के पास आ रहे हैं।
विश्वविद्यालय में भी इनकी खोज खबर नहीं लग पा रही है। इससे परेशान छात्र-छात्राएं नए सिरे से डिग्री के लिए आवेदन कर रहे हैं। इससे आर्थिक शुल्क भी दोबारा जमा कर रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश का कहना है कि ऐसे मामलों में डाक विभाग और डिग्री सेक्शन के बीच तालमेल बनाकर इन डिग्रियों का पता करवाएंगे। रिकॉर्ड देखकर इनको डिस्पैच कराया जाएगा।
250 डिग्री वापस लौटीं
विश्वविद्यालय के डिग्री सेक्शन में 250 से अधिक डिग्रियां ऐसी हैं, जो वापस लौट आई हैं। डिग्री डिस्पैच के कर्मचारियों की मानें तो छात्र-छात्राओं का कई बार घर का पता सही न होने या फिर घर में कोई न मिलने पर डाकिया डिग्री वापस ले आता है। इसका रिकॉर्ड बनाया जाता है। फिर दोबारा से डिग्री डिस्पैच कराई जाती है।
फिर से किया आवेदन
नगला जैत अलीगढ़ के जितेंद्र शर्मा ने बताया कि एमए इतिहास की डिग्री के लिए प्रार्थनापत्र (संख्या 1282353) जमा कराया। डिग्री घर नहीं पहुंची तो विश्वविद्यालय आया, यहां रिकॉर्ड में जनवरी 2022 में डिग्री डिस्पैच दर्शाई गई है। घर भी डिग्री नहीं पहुंची। विश्वविद्यालय आया तो यहां भी डिग्री का पता नहीं। नए सिरे से डिग्री के लिए आवेदन किया है।
दिखा रहे डिस्पैच
दयालबाग की छात्रा सुमन ठाकुर ने प्रार्थनापत्र (संख्या 1277243) के साथ बीते साल फरवरी में आवेदन किया। घर डिग्री नहीं पहुंची, जब विश्वविद्यालय में आकर पता किया तो यहां के रिकॉर्ड में बीते साल जुलाई में विश्वविद्यालय से डिस्पैच दशाई है। डिग्री का पता नहीं चल पा रहा है। नए सिरे से डिग्री के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
विस्तार
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से डिग्री पाना आसान नहीं है। विश्वविद्यालय से डिग्री छात्र के घर भेजी जा रहीं हैं, लेकिन वह पहुंच नहीं रही है। विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में इसे डिस्पैच दिखाया जा रहा है। डिग्री के लिए परेशान छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
विश्वविद्यालय में करीब पांच हजार से अधिक डिग्री लंबित हैं। ऑनलाइन आवेदन करने पर भी समय से डिग्री नहीं पहुंच रहीं। इनमें ऐसे भी छात्र-छात्राएं हैं, जिनको डिग्री विश्वविद्यालय से डिस्पैच कर दी, लेकिन घर नहीं पहुंची। महीने में 10-12 मामले विश्वविद्यालय के पास आ रहे हैं।
विश्वविद्यालय में भी इनकी खोज खबर नहीं लग पा रही है। इससे परेशान छात्र-छात्राएं नए सिरे से डिग्री के लिए आवेदन कर रहे हैं। इससे आर्थिक शुल्क भी दोबारा जमा कर रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश का कहना है कि ऐसे मामलों में डाक विभाग और डिग्री सेक्शन के बीच तालमेल बनाकर इन डिग्रियों का पता करवाएंगे। रिकॉर्ड देखकर इनको डिस्पैच कराया जाएगा।
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