वर्कबुक तैयार करने वाली टीम के साथ उच्च प्राथमिक विद्यालय बेलकुर, गगहा के शिक्षक प्रवीण कुमार मिश्रा – फोटो : अमर उजाला।
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परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले श्रवण बाधित बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई वर्कबुक अब उनका ‘दिव्य अंग’ बनेगी। इसकी मदद से ये विद्यार्थी गणित और भाषा का अभ्यास आसानी से कर सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से तैयार यह वर्कबुक जल्द ही बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी।
पहले चरण में इसे कक्षा चार एवं पांच में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा। वर्कबुक की आठ सदस्यीय टीम के सदस्य और कंटेंट लेखक प्राथमिक विद्यालय बेलकुर गगहा के सहायक अध्यापक प्रवीण मिश्रा ने बताया कि श्रवण बाधित विद्यार्थियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वे शिक्षक के दिए हुए निर्देशों को कक्षा में सुन नहीं पाते हैं। इस कारण उन्हें विषय का अभ्यास करने में परेशानी होती है। विभाग ने समस्या के समाधान के लिए वर्कबुक को तैयार करने का निर्णय लिया है।
प्रवीण ने बताया कि यह एक स्व निर्देशित वर्कबुक होगी। इसमें शिक्षक के निर्देश पेज के एक हिस्से में लिखे होंगे। जिसको पढ़कर छात्र अभ्यास कर सकेंगे। श्रवण बाधित विद्यार्थियों के साथ ही अन्य दिव्यांगता से पीड़ित बच्चों के लिए भी यह वर्कबुक मददगार होगी।
इनकी भूमिका अहम विशेष वर्कबुक को तैयार करने में गोरखपुर के प्रवीण मिश्रा के साथ साथ गोंडा, बरेली, अमेठी, बहराइच और हरदोई जिले के आठ शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई है। बता दें, जिले के 2514 परिषदीय स्कूलों में 1035 दिव्यांग विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
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परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले श्रवण बाधित बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई वर्कबुक अब उनका ‘दिव्य अंग’ बनेगी। इसकी मदद से ये विद्यार्थी गणित और भाषा का अभ्यास आसानी से कर सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से तैयार यह वर्कबुक जल्द ही बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी।
पहले चरण में इसे कक्षा चार एवं पांच में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा। वर्कबुक की आठ सदस्यीय टीम के सदस्य और कंटेंट लेखक प्राथमिक विद्यालय बेलकुर गगहा के सहायक अध्यापक प्रवीण मिश्रा ने बताया कि श्रवण बाधित विद्यार्थियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वे शिक्षक के दिए हुए निर्देशों को कक्षा में सुन नहीं पाते हैं। इस कारण उन्हें विषय का अभ्यास करने में परेशानी होती है। विभाग ने समस्या के समाधान के लिए वर्कबुक को तैयार करने का निर्णय लिया है।